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<blockquote>जो | <blockquote>जो संत पृथ्वी पर शारीरिक रूप में मौजूद हैं,उनका आतंरिक उद्देश्य है कि वे अपनी आभा को वायलेट लौ से संतृप्त करके पृथ्वी पर ईश्वर की दिव्य मध्यस्थता स्थापित करें। यही एक तरीका है जिससे नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदला जा सकता है।<ref>Ibid.</ref></blockquote> |
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