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Michael and Faith/hi: Difference between revisions

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कठिन समय से गुज़ारना कभी कभी ज़रूरी भी होता है क्योंकि ऐसे समय में ही हम यह जान पाते हैं कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो न केवल हमारा समर्थन कर रही हैं वरन हमारी जीत के लिए प्रार्थना भी कर रही हैं। हालाँकि जब कोई महादेवदूत हमें सरंक्षण देता है तो ये हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है कि हम उनके इस उपहार को ग्रहण करें, उनकी मध्यस्थता और मदद का आह्वान करें। वह कहते हैं, “ईश्वर की कृपा से  प्राप्त द्रष्टि से जब हमें स्पष्ट दिखने लगता हैं, तब विश्वास की क्या आवश्यकता? विश्वास की आवश्यकता मुझे नहीं है, मुझे तो ये विश्वास आपको देना है - आपको इस विश्वास की ज़रुरत है।”<ref>महादेवदूत माइकल, “When the Heart Cries Out to God,” {{POWref|13|35|, ३० अगस्त १९७०}}</ref>
कठिन समय से गुज़ारना कभी कभी ज़रूरी भी होता है क्योंकि ऐसे समय में ही हम यह जान पाते हैं कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो न केवल हमारा समर्थन कर रही हैं वरन हमारी जीत के लिए प्रार्थना भी कर रही हैं। हालाँकि जब कोई महादेवदूत हमें सरंक्षण देता है तो ये हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है कि हम उनके इस उपहार को ग्रहण करें, उनकी मध्यस्थता और मदद का आह्वान करें। वह कहते हैं, “ईश्वर की कृपा से  प्राप्त द्रष्टि से जब हमें स्पष्ट दिखने लगता हैं, तब विश्वास की क्या आवश्यकता? विश्वास की आवश्यकता मुझे नहीं है, मुझे तो ये विश्वास आपको देना है - आपको इस विश्वास की ज़रुरत है।”<ref>महादेवदूत माइकल, “When the Heart Cries Out to God,” {{POWref|13|35|, ३० अगस्त १९७०}}</ref>


अधिकतर मामलों में, जीवन की लड़ाई महत्वपूर्ण निर्णयों पर नहीं बल्कि दिन-प्रतिदिन के छोटे-छोटे अनुभवों पर जीती जाती है। जब आप मन में पूर्ण विश्वास लिए ईश्वर की ओर झुकते हैं तो वह आप पर कृपा करते हैं और अगर आप क्षण भर के लिए नकारात्मक स्थितियों से घिर जाते हैं तो ईश्वर के प्रति विश्वास का मार्ग मानो “एक चमकती हुई पवित्र प्रकाश की डोर जो जीवात्मा को आत्मा (मनुष्य के शरीर में स्थित ईश्वर का अंश) से जोड़ता है।”<ref>Ibid.</ref> कभी कभी ऐसा सामान्य सा विचार ही जीवन की सम्पूर्ण नकारात्मकता को ख़त्म करने की लिए काफी होता है।
अधिकतर मामलों में, जीवन की लड़ाई महत्वपूर्ण निर्णयों पर नहीं बल्कि दिन-प्रतिदिन के छोटे-छोटे अनुभवों पर जीती जाती है। जब आप मन में पूर्ण विश्वास लिए ईश्वर की ओर झुकते हैं तो वह आप पर कृपा करते हैं और अगर आप क्षण भर के लिए नकारात्मक स्थितियों से घिर जाते हैं तो ईश्वर के प्रति विश्वास का मार्ग मानो “एक चमकती हुई पवित्र प्रकाश की डोर (crystal cord) जो जीवात्मा को आत्मा (मनुष्य के शरीर में स्थित ईश्वर का अंश) से जोड़ता है।”<ref>Ibid.</ref> कभी कभी ऐसा सामान्य सा विचार ही जीवन की सम्पूर्ण नकारात्मकता को ख़त्म करने की लिए काफी होता है।


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