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Ascension/hi: Difference between revisions

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* जब उसने मनुष्यों और ईश्वर की पर्याप्त सेवा कर अपनी दिव्य योजना (divine plan) को पूरा कर लिया हो।   
* जब उसने मनुष्यों और ईश्वर की पर्याप्त सेवा कर अपनी दिव्य योजना (divine plan) को पूरा कर लिया हो।   
* जब उसने अपने ५१ प्रतिशत कर्म संतुलित कर लिए हों। (अर्थात ५१ प्रतिशत ऊर्जा जो ईश्वर ने हमें सब जन्मों में  दी है, रचनात्मक रूप से योग्य हो गई हो या परिवर्तित हो गई हो)
* जब उसने अपने ५१ प्रतिशत कर्म संतुलित कर लिए हों। (अर्थात ५१ प्रतिशत ऊर्जा जो ईश्वर ने हमें सब जन्मों में  दी है, रचनात्मक रूप से योग्य हो गई हो या परिवर्तित हो गई हो)
* जब उसका ह्रदय ईश्वर और मनुष्य दोनों को समान समझे तथा वह ईश्वर के अनंत रूप से उभरती हुई उपस्थिति की कभी न बुझने वाली रोशनी में आध्यात्मिक उत्थान की आकांक्षा रखता हो।   
* जब उसका ह्रदय ईश्वर और मनुष्य दोनों को समान समझे तथा वह ईश्वर के अनंत रूप से उभरती हुई उपस्थिति की कभी न बुझने वाले  इश्वरिये प्रकाश द्वारा आध्यात्मिक उत्थान की आकांक्षा रखता हो।   


[[Special:MyLanguage/Luxor|लक्सर]] में स्थित आध्यात्मिक उत्थान के मंदिर और आश्रय स्थल द्वारा दी गयी दीक्षाओं में पारित होना भी आध्यात्मिक उत्थान की प्रक्रिया का एक भाग है:  
[[Special:MyLanguage/Luxor|लक्सर]] में स्थित आध्यात्मिक उत्थान के मंदिर और आश्रय स्थल द्वारा दी गयी दीक्षाओं में पारित होना भी आध्यात्मिक उत्थान की प्रक्रिया का एक भाग है:  
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