Jump to content

Translations:Chamuel and Charity/7/hi: Difference between revisions

no edit summary
(Created page with "चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित बेबल की मीनार का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर...")
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित [[Special:MyLanguage/Tower of Babel|बेबल की मीनार]] का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ईश्वर के फैसले की [[Special:MyLanguage/ruby ray|रूबी किरण]] भी चामुएल के माध्यम से आई जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए लगे। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे <ref>जनरल। 11:1-9.</ref> सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया, भय ने क्रोध का रूप ले लिया - भगवान और उसके प्रतिकार करने वाले देवदूत के प्रति क्रोध। क्योंकि लोग अब एक-दूसरे के साथ बात नहीं कर सकते थे, वे बुराई करने की साजिश भी नहीं कर सकते थे। भिन्न भिन्न भाषाएँ होने की कारण समाज की बुराइयों को तेजी से फैलने में रोक लग गयी। तो हम ये कह सकते हैं कि ईश्वर का प्रेम मानवजाति को तब तक अलग रखता है जब तक कि वे प्रेम में पूर्णतया सिद्ध नहीं हो जाते।
चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित [[Special:MyLanguage/Tower of Babel|बेबल की मीनार]] का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ईश्वर के फैसले की [[Special:MyLanguage/ruby ray|रूबी किरण]] भी चामुएल के माध्यम से आई जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए लगे। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे <ref>Gen। 11:1-9.</ref> सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया, भय ने क्रोध का रूप ले लिया - भगवान और उसके प्रतिकार करने वाले देवदूत के प्रति क्रोध। क्योंकि लोग अब एक-दूसरे के साथ बात नहीं कर सकते थे, वे बुराई करने की साजिश भी नहीं कर सकते थे। भिन्न भिन्न भाषाएँ होने की कारण समाज की बुराइयों को तेजी से फैलने में रोक लग गयी। तो हम ये कह सकते हैं कि ईश्वर का प्रेम मानवजाति को तब तक अलग रखता है जब तक कि वे प्रेम में पूर्णतया सिद्ध नहीं हो जाते।
5,923

edits