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Brothers and Sisters of the Golden Robe/hi: Difference between revisions

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और इस सदी के छात्रों को इस जन्म और पूर्व जन्मों में क्या ज्ञान दिया गया है, इस बात का अध्ययन करके उन्हें यह समझ में आता है कि प्रकाशवाहक और प्रबुद्ध (lightbearers) [[Special:MyLanguage/Hierarchy|पदक्रम]] (Hierarchy) मार्ग के द्वारा पृथ्वी के लोगों की ज़रूरतों के बारे में समझतें हैं, विशेषकर उन लोगों की ज़रूरतें जो [[Special:MyLanguage/World Teacher|विश्व शिक्षकों]] (World Teacher) के अनुयायी बनना चाहते हैं। इस प्रकार प्रकाशवाहक वह सब जानते हैं जो ''उन्हें'' पता होना चाहिए; वे यह भी जानते हैं कि उन्हें अपने स्वाध्याय में किस बात को महत्व देना चाहिए ताकि वे उन लोगों की सहायता कर सकें जो प्रतिदिन हमारे पास प्रशिक्षण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए आते हैं।
और इस सदी के छात्रों को इस जन्म और पूर्व जन्मों में क्या ज्ञान दिया गया है, इस बात का अध्ययन करके उन्हें यह समझ में आता है कि प्रकाशवाहक और प्रबुद्ध (lightbearers) [[Special:MyLanguage/Hierarchy|पदक्रम]] (Hierarchy) मार्ग के द्वारा पृथ्वी के लोगों की ज़रूरतों के बारे में समझतें हैं, विशेषकर उन लोगों की ज़रूरतें जो [[Special:MyLanguage/World Teacher|विश्व शिक्षकों]] (World Teacher) के अनुयायी बनना चाहते हैं। इस प्रकार प्रकाशवाहक वह सब जानते हैं जो ''उन्हें'' पता होना चाहिए; वे यह भी जानते हैं कि उन्हें अपने स्वाध्याय में किस बात को महत्व देना चाहिए ताकि वे उन लोगों की सहायता कर सकें जो प्रतिदिन हमारे पास प्रशिक्षण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए आते हैं।


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देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेय]] के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की [[ब्रह्मांडीय चेतना]] का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेय]] के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की [[ब्रह्मांडीय चेतना]] का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
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== रूथ जोन्स == (Ruth Jones)
== रूथ जोन्स (Ruth Jones) ==


१९७६ में कुथुमी ने [[Special:MyLanguage/Ruth Jones|रूथ जोन्स]] (Ruth Jones) के बारे में बताया जो इश्वरिये लौ की पालक (Keeper of the Flame) और इस वर्ग की सदस्य थी:
१९७६ में कुथुमी ने [[Special:MyLanguage/Ruth Jones|रूथ जोन्स]] (Ruth Jones) के बारे में बताया जो इश्वरिये लौ की पालक (Keeper of the Flame) और इस वर्ग की सदस्य थी:


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जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की।
जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की।


मैं (कुथुमी), रूथ जोंस की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उनके [[Special:MyLanguage/mantle|आवरण]] की किरण, उनके समर्पण की गति, उन सब लौ के रक्षकों और जीवात्माओं को हस्तांतरित करता हूं जो इस घोषणा को पढ़ेंगे और जिनका चेतना तथा आध्यात्मिक उत्थान में विश्वास होगा। रूथ जोंस का ह्रदय सन्देशवाहकों तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिनकी वजह से उनकी घरवापसी (ईश्वर से मिलन) हुई। वे सभी अविनाशी गुरुओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को ऊपर उठने का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।<ref>कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” {{POWref|19|3|, जनवरी १८, १९७६}}</ref>
मैं (कुथुमी), रूथ जोन्स की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उसके [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] (mantle) के प्रकाश, निष्ठा और लगन के बारे में उन सब इश्वरिये लौ के पालक और जो लोग उच्च चेतना तथा रूथ जोन्स के आध्यात्मिक उत्थान पर विश्वास रखते हैं, यह घोषणा करता हूँ कि उनका आध्यात्मिक उत्थान भी संभव हैं। रूथ जोन्स का ह्रदय सन्देशवाहकों (Messengers) तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिसकी  वजह से उनका ईश्वर से पुनर्मिलन हुआ। वह सभी दिव्यगुरूओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को आध्यात्मिक उत्थान का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।<ref>कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” {{POWref|19|3|, जनवरी १८, १९७६}}</ref>
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मैं शांति के गुरु के रूप में जाना जाता हूँ, परन्तु मैं चाहूंगा की मुझे केवल गोल्डन रोब का ब्रदर कहा जाए। ये वह वर्ग है जिसकी स्थापना सदियों पहले उन्होंने करी थी जो जानते थे कि सच्चा ज्ञान ही शान्ति और अंततः समझदारी प्रदान करता है।<ref>Phil. 4:7.</ref> हम अपने दस्ते में आध्यात्मिक रूप से उत्थान प्राप्त किये हुए उन सभी को गिनते हैं जिन्होंने मानव जाति को शांति प्रदान करने के साधन के रूप में रोशनी की सुनहरी लौ का समर्थन किया है। हम उनको भी अपने दस्ते का हिस्सा मानते हैं जो ईश्वर के ज्ञान और विवेक का शांतिपूर्वक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
मैं शांति के गुरु के रूप में जाना जाता हूँ, परन्तु मैं चाहूंगा कि मुझे केवल सुनहरे वस्त्र वाला भाई (brother of the Golden Robe) कहा जाए। यह वह वर्ग है जिसकी स्थापना सदियों पहले उन्होंने की थी जो जानते थे कि सच्चा ज्ञान ही शान्ति और अंततः समझदारी प्रदान करता है।<ref>Phil. 4:7.</ref> हम अपने संघ में आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त किये हुए उन सभी को गिनते हैं जिन्होंने मानव जाति को शांति प्रदान करने के लिए सुनहरे प्रकाश की लौ का समर्थन किया है। हम उनको भी अपने संघ का हिस्सा मानते हैं जो ईश्वर के ज्ञान का शांतिपूर्वक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।


हम नए सदस्यों की खोज में हैं। ये लेख मैं आपको ये बताने के लिए लिख रहा हूँ कि हमारे प्रकोष्ठ, पुस्तकालय और आश्रयस्थलों में उन लोगों के लिए रिक्त स्थान है जो कर्मठतापूर्वक ईश्वर की उपासना करते हैं तथा ज्ञान के इच्छुक अन्य लोगों की सहायता को सदा तैयार रहते हैं।<ref>कुथुमी, {{POWref|16|11|, मार्च १८, १९७३}} {{OTD}}, दूसरे अध्याय में भी प्रकाशित हुई</ref>
हम नए सदस्यों की खोज में हैं। यह लेख मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूँ कि हमारे प्रकोष्ठ (chambers), पुस्तकालय और आश्रयस्थलों में उनके लिए रिक्त स्थान है जो कर्मठतापूर्वक ईश्वर की उपासना करते हैं तथा ज्ञान के इच्छुक अन्य लोगों की सहायता को सदा तैयार रहते हैं।<ref>कुथुमी, {{POWref|16|11|, मार्च १८, १९७३}} {{OTD}}, दूसरे अध्याय में भी प्रकाशित हुई</ref>
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