6,248
edits
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 50: | Line 50: | ||
जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की। | जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की। | ||
मैं (कुथुमी), रूथ जोन्स की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उनके [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] (mantle) का प्रकाश, निष्ठा और लगन | मैं (कुथुमी), रूथ जोन्स की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उनके [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] (mantle) का प्रकाश, निष्ठा और लगन के बारे में उन सब इश्वरिये लौ के पालक और जीवात्माओं को हस्तांतरित करता हूं जो इस घोषणा को पढ़ेंगे और जिनका चेतना तथा आध्यात्मिक उत्थान में विश्वास होगा। रूथ जोंस का ह्रदय सन्देशवाहकों तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिनकी वजह से उनकी घरवापसी (ईश्वर से मिलन) हुई। वे सभी अविनाशी गुरुओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को ऊपर उठने का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।<ref>कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” {{POWref|19|3|, जनवरी १८, १९७६}}</ref> | ||
</blockquote> | </blockquote> | ||
edits