Jump to content

Cave of Symbols/hi: Difference between revisions

no edit summary
No edit summary
No edit summary
Tags: Mobile edit Mobile web edit
Line 20: Line 20:
{{main-hi|Ascension chair|असेनशन चेयर}} (Ascension chair)
{{main-hi|Ascension chair|असेनशन चेयर}} (Ascension chair)


एक सुनहरी कुर्सी है जिसे "परमाणु त्वरक" भी कहा जाता है। इसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक धाराएं पारित की जाती हैं जो [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीरों]] (four lower bodies) के भीतर अणुओं और इलेक्ट्रॉनों की कंपन क्रिया को तेज करती हैं। [[Special:MyLanguage/Brotherhood|ब्रदरहुड]] (Brotherhood) के वे दीक्षार्थी जिन्होंने सेवा और प्रकाश के प्रति समर्पण से अपनी योग्यता सिद्ध की है और जो काफी मात्रा में अपने कर्मों को संतुलित कर चुके है, वे संत जर्मेन और [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के देवता]] (Lords of Karma) की आज्ञा से एक निर्धारित अवधि के लिए इस कुर्सी पर बैठ सकते हैं। चार निचले शरीरों में प्रकाश की आवृत्ति को तेज करके हम अपने कर्म का कुछ हिस्सा संतुलित कर सकते हैं।
एक सुनहरी कुर्सी है जिसे "आणविक गति वर्धक" भी कहा जाता है। इसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक धाराएं पारित की जाती हैं जो [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीरों]] (four lower bodies) के भीतर अणुओं और इलेक्ट्रॉनों की कंपन क्रिया को तेज करती हैं। [[Special:MyLanguage/Brotherhood|ब्रदरहुड]] (Brotherhood) के वे दीक्षार्थी जिन्होंने सेवा और प्रकाश के प्रति समर्पण से अपनी योग्यता सिद्ध की है और जो काफी मात्रा में अपने कर्मों को संतुलित कर चुके है, वे संत जर्मेन और [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के देवता]] (Lords of Karma) की आज्ञा से एक निर्धारित अवधि के लिए इस कुर्सी पर बैठ सकते हैं। चार निचले शरीरों में प्रकाश की आवृत्ति को तेज करके हम अपने कर्म का कुछ हिस्सा संतुलित कर सकते हैं।


इस प्रकार व्यक्ति के चार निचले शरीरों को उत्थान की धाराओं में त्वरित कर आत्मा का उत्थानं किया जा सकता है। संत जर्मेन की छत्रछाया में कई जीवनधाराओं का आध्यात्मिक उत्थान इसी कमरे से हुआ है।
इस प्रकार व्यक्ति के चार निचले शरीरों को उत्थान की धाराओं में त्वरित कर आत्मा का उत्थानं किया जा सकता है। संत जर्मेन की छत्रछाया में कई जीवनधाराओं का आध्यात्मिक उत्थान इसी कमरे से हुआ है।
6,998

edits