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Translations:Elementals/35/hi: Difference between revisions

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(Created page with "<blockquote> आंशिक रूप से दैवीय बुद्धि से युक्त यह सुंदर रचना ईश्वर का "फुटस्टूल साम्राज्य" मानी जाती है। असल में ईश्वर ने इसे अपनी अभिव्यक्ति के रूप में मनुष्य के अधीन रखा था। परन्तु मानवजा...")
 
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आंशिक रूप से दैवीय बुद्धि से युक्त यह सुंदर रचना ईश्वर का "फुटस्टूल साम्राज्य" मानी जाती है। असल में  ईश्वर ने इसे अपनी अभिव्यक्ति के रूप में मनुष्य के अधीन रखा था। परन्तु मानवजाति की त्रुटियों के कारण उत्पन्न हुई क्रूरता के दूषित स्पंदनों को प्रकृति ने आत्मसात कर लिया।       
आंशिक रूप से दैवीय बुद्धि से युक्त यह सुंदर रचना ईश्वर का "फुटस्टूल साम्राज्य" मानी जाती है। असल में  ईश्वर ने इसे अपनी अभिव्यक्ति के रूप में मनुष्य के अधीन रखा था। परन्तु मानवजाति की त्रुटियों के कारण उत्पन्न हुई क्रूरता के दूषित स्पंदनों को प्रकृति ने आत्मसात कर लिया।       
जंगली जानवरों के वहशी गुणों को पाशविक माना जाता है पर जब हम [[Special:MyLanguage/akasha|आकाषिक]] दस्तावेज़ों और ग्रहों के आभामंडल को पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है जानवरों और सृष्टि देवों का ये व्यवहार वास्तव में मानवजाति के विकृत और विषम व्यवहार का प्रत्युत्तर है।
जंगली जानवरों के वहशी गुणों को पाशविक माना जाता है पर जब हम [[Special:MyLanguage/akasha|आकाषिक]] दस्तावेज़ों और ग्रहों के आभामंडल को पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है जानवरों और सृष्टि देवों का ये व्यवहार वास्तव में मानवजाति के विकृत और विषम व्यवहार का प्रतिफल है।
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