Jump to content

Translations:City Foursquare/3/hi: Difference between revisions

no edit summary
No edit summary
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
जिन जीवात्माओं का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हुआ है वे [[Special:MyLanguage/Christ consciousness|आत्मिक चेतना]] की पूर्ति के लिए मन मंदिर के मंडल का आह्वान कर सकती हैं, यत पिंडे-तत ब्रह्माण्डे। मन मदिर में ईश्वर के सभी पुत्र और पुत्रियों के 144,000 आदर्शों की सौर (आत्मा) पहचान का मूल आदर्श रूप रखा है, जो किसी दी गई व्यवस्था में उनकी चेतना की दिव्य संपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक है। [[Special:MyLanguage/I AM Presence| ईश्वरीय स्वरुप]], [[Special:MyLanguage/Lamb|मेमना]], [[Special:MyLanguage/Cosmic Christ|ब्रह्मांडीय आत्मा]], [[Special:MyLanguage/Christ Self|स्व चेतना]] मन मंदिर को प्रकाशित करते हैं। ब्रह्माण्डीय आत्मा के चक्रों में स्थापित प्रकाश के 144 फोकस और आवृत्तियाँ रत्नों के सामान हैं।
जिन जीवात्माओं का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हुआ है वे [[Special:MyLanguage/Christ consciousness|आत्मिक चेतना]] (Christ consciousness) की पूर्ति के लिए मन मंदिर के मंडल का आह्वान कर सकती हैं, यत पिंडे-तत ब्रह्माण्डे। मन मदिर में ईश्वर के सभी पुत्र और पुत्रियों के 144,000 आदर्शों की सौर (आत्मा) पहचान का मूल आदर्श रूप रखा है, जो किसी दी गई व्यवस्था में उनकी चेतना की दिव्य संपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक है। [[Special:MyLanguage/I AM Presence| ईश्वरीय स्वरुप]] (I AM Presence), [[Special:MyLanguage/Lamb|मेमना]] (Lamb), [[Special:MyLanguage/Cosmic Christ|ब्रह्मांडीय आत्मा]] (Cosmic Christ), [[Special:MyLanguage/Christ Self|स्व चेतना]] (Christ Self) मन मंदिर को प्रकाशित करते हैं। ब्रह्माण्डीय आत्मा के चक्रों में स्थापित प्रकाश के 144 फोकस और आवृत्तियाँ रत्नों के सामान हैं।
7,469

edits