7,355
edits
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
"ईश्वरीय स्वरूप मे लुप्त उच्च चेतना (son) ईश्वर (father) की कृपा और सत्य से परिपूर्ण पिता की समरूप" का व्यक्तिगत ध्यान (focus) है।"<ref>John 1:14.</ref> [[Special:MyLanguage/Universal Christ|सार्वभौमिक आत्मा]] (Universal Christ) [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] (soul) का व्यक्तिगत परिचय और उसक | "ईश्वरीय स्वरूप मे लुप्त उच्च चेतना (son) ईश्वर (father) की कृपा और सत्य से परिपूर्ण पिता की समरूप" का व्यक्तिगत ध्यान (focus) है।"<ref>John 1:14.</ref> [[Special:MyLanguage/Universal Christ|सार्वभौमिक आत्मा]] (Universal Christ) [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] (soul) का व्यक्तिगत परिचय और उसक | ||
वास्तविक पहचान है जो प्रत्येक पुरुष, महिला और बच्चे का अध्यात्मिक उत्थान बढ़ाने के प्रयास | वास्तविक पहचान है जो प्रत्येक पुरुष, महिला और बच्चे का अध्यात्मिक उत्थान बढ़ाने के प्रयास हेतु है। उच्च चेतना मनुष्य और ईश्वरीय स्वरूप के बीच मध्यस्थ है। यह व्यक्ति का अपना निजी शिक्षक, गुरु और सिद्ध पुरुष है जो उसके मन मंदिर की परम पवित्र वेदी ([[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरूप]]) (I AM Presence) के समक्ष उच्च पुजारी के रूप में सेवा करता है। |
edits