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Four lower bodies/hi: Difference between revisions

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मनुष्य का कर्म उसके चार निचले शरीरों की क्षमताओं और सीमाओं को निर्धारित करता है। अपने भौतिक रूप में पूर्णता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को आत्मिक चेतना का सहारा लेना चाहिए और बहुत ही ध्यान से इसे आकाशीय, मानसिक और भावनात्मक शरीरों में रखना चाहिए ताकि चारों निचले शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाएँ।<ref>मैट। १३:३३; ल्यूक १३:२१.</ref>
मनुष्य का कर्म उसके चार निचले शरीरों की क्षमताओं और सीमाओं को निर्धारित करता है। अपने भौतिक रूप में पूर्णता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को आत्मिक चेतना का सहारा लेना चाहिए और बहुत ही ध्यान से इसे आकाशीय, मानसिक और भावनात्मक शरीरों में रखना चाहिए ताकि चारों निचले शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाएँ।<ref>मैट। १३:३३; ल्यूक १३:२१.</ref>


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<span id="See_also"></span>
== See also ==
== इसे भी देखिये ==
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