Jump to content

Translations:Decree/14/hi: Difference between revisions

no edit summary
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
(३) अब आप डिक्री के अंतिम भाग, उसके समापन पर आ गए हैं, ईश्वर के हृदय में अपने पत्र को '''मोहर''' लगाने वाले हैं और जो प्रार्थना आपने आत्मा के दायरे में प्रतिबद्धता की भावना के साथ करी है उसके लिए ईश्वर की स्वीकृति प्राप्त करने वाले हैं तो ईश्वर के अचूक नियमो के अनुसार आपने जो चाहा है उसे अभिव्यक्ति होना ही होगा।
(३) अब आप दिव्य आदेश के अंतिम भाग, उसके समापन पर आ गए हैं, ईश्वर के हृदय में अपने पत्र को '''मोहर''' लगाने वाले हैं और जो प्रार्थना आपने आत्मा के दायरे में प्रतिबद्धता की भावना के साथ करी है उसके लिए ईश्वर की स्वीकृति प्राप्त करने वाले हैं तो ईश्वर के अचूक नियमो के अनुसार आपने जो चाहा है उसे अभिव्यक्ति होना ही होगा।
6,931

edits