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(३) अब आप दिव्य आदेश के अंतिम भाग, उसके समापन और स्वीकृति | (३) अब आप दिव्य आदेश के अंतिम भाग, उसके समापन और स्वीकृति के निकट आ गए हैं, ईश्वर के हृदय में अपने पत्र को '''मोहर''' (sealing) लगाने वाले हैं और जो प्रार्थना आपने आत्मा के दायरे (realm) में प्रतिबद्धता (commitment) की भावना के साथ की है उसके लिए ईश्वर की स्वीकृति प्राप्त करने वाले हैं ताकि ईश्वर के अचूक (unerring) रसायन विद्या के नियमो के अनुसार भौतिक स्तर पर उसकी अभिव्यक्ति हो। |
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