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शिष्यता के मार्ग पर चलने के लिए स्वयं को उपलब्ध साधन बनाना प्रधान उपायों में से एक है। शिष्य वह अनुशासित व्यक्ति है जो इस बात के लिए सदैव तैयार रहता है। |
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