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Jesus/hi: Difference between revisions

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Created page with "ईश्वर की लौ बनना ही जीवन का लक्ष्य है। मानव जाति के उद्धारकर्ता ईसा मसीह हमें बताते हैं कि सत्य के मार्ग पर चलना, अपने ईश्वरीय स्वरुप को पाना ही जीवन का ध्येय है।"
(Created page with "एक सामान्य पुरुष और महिला में (ह्रदय के अंदर एक गुप्त कक्ष में स्थित) त्रिदेव ज्योत की ऊंचाई एक इंच का सोलहवां हिस्सा होती है - नोआह के जीवनकाल के दौरान भगवान के एक आदेशानुस...")
(Created page with "ईश्वर की लौ बनना ही जीवन का लक्ष्य है। मानव जाति के उद्धारकर्ता ईसा मसीह हमें बताते हैं कि सत्य के मार्ग पर चलना, अपने ईश्वरीय स्वरुप को पाना ही जीवन का ध्येय है।")
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एक सामान्य पुरुष और महिला में (ह्रदय के अंदर एक गुप्त कक्ष में स्थित) त्रिदेव ज्योत की ऊंचाई एक इंच का सोलहवां हिस्सा होती है - [[Special:MyLanguage/Noah|नोआह]] के जीवनकाल के दौरान भगवान के एक आदेशानुसार त्रिदेव ज्योत की ऊंचाई कम हुई थी। त्रिदेव ज्योत के आकार को बढ़ाने की शिक्षा हमें ईसा मसीह ने दी है। वे बताते हैं कि किस तरह हम उनके उदाहरण का अनुसरण कर ईश्वर के शब्द का जीवंत अवतार बन सकते हैं। उन्होंने हमें प्रेम, ज्ञान और शक्ति की ऊर्जाओं को संतुलित करना सिखाया है जिससे हमारी त्रिदेव ज्योत इतनी बड़ी हो जाए कि हमारा पूरा शरीर उसमें समा जाए और हम पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के जीते जागते साक्ष्य बन जाएं।  
एक सामान्य पुरुष और महिला में (ह्रदय के अंदर एक गुप्त कक्ष में स्थित) त्रिदेव ज्योत की ऊंचाई एक इंच का सोलहवां हिस्सा होती है - [[Special:MyLanguage/Noah|नोआह]] के जीवनकाल के दौरान भगवान के एक आदेशानुसार त्रिदेव ज्योत की ऊंचाई कम हुई थी। त्रिदेव ज्योत के आकार को बढ़ाने की शिक्षा हमें ईसा मसीह ने दी है। वे बताते हैं कि किस तरह हम उनके उदाहरण का अनुसरण कर ईश्वर के शब्द का जीवंत अवतार बन सकते हैं। उन्होंने हमें प्रेम, ज्ञान और शक्ति की ऊर्जाओं को संतुलित करना सिखाया है जिससे हमारी त्रिदेव ज्योत इतनी बड़ी हो जाए कि हमारा पूरा शरीर उसमें समा जाए और हम पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के जीते जागते साक्ष्य बन जाएं।  


To become the flame of God is the goal of life. Jesus, the Saviour of mankind, is here today to teach us the way, to teach us that the I AM THAT I AM is the way, the truth and the life.
ईश्वर की लौ बनना ही जीवन का लक्ष्य है। मानव जाति के उद्धारकर्ता ईसा मसीह हमें बताते हैं कि सत्य के मार्ग पर चलना, अपने ईश्वरीय स्वरुप को पाना ही जीवन का ध्येय है।


== Embodiments ==
<span id="Embodiments"></span>
== अवतार ==


Jesus first came to the earth as a volunteer with [[Sanat Kumara]], and he has had many embodiments on earth since that time.  
Jesus first came to the earth as a volunteer with [[Sanat Kumara]], and he has had many embodiments on earth since that time.  
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