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अपने एक अवतार में इन्होनें अटलांटिस की सतयुगीन सभ्यता के दौरान सम्राट और उच्च पुजारी के रूप में शासन किया, जो दो हज़ार वर्ष तक चली - ३४,५५० बी सी से ३२,५५० बी सी तक। यह समय आज से सत्रह युग पूर्व का था, और यह कर्क राशि का युग था। यीशु का जन्म ३३,०५० बी सी में हुआ था, और उनका शासन काल ३३,००० बी सी में शुरू हुआ था - तब सतयुग के १,५०० वर्ष बीत चुके थे। उनकी पत्नी उनकी समरूप जोड़ी थीं, जिन्हें आज हम महिला दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Magda|मैग्डा]] के रूप में जानते हैं। उस समय वे मनुष्य रूप में ईश्वर के सर्वोच्च प्रतिनिधि थे। इस सभ्यता के सभी लोग ईश्वर के बताये रास्ते पर चलते थे। यीशु और मैग्डा को लोगों पर कोई नियम लागू नहीं करना पड़ा क्योंकि वे सभी अपने ईश्वरीय स्रोत के अनुरूप थे। | अपने एक अवतार में इन्होनें अटलांटिस की सतयुगीन सभ्यता के दौरान सम्राट और उच्च पुजारी के रूप में शासन किया, जो दो हज़ार वर्ष तक चली - ३४,५५० बी सी से ३२,५५० बी सी तक। यह समय आज से सत्रह युग पूर्व का था, और यह कर्क राशि का युग था। यीशु का जन्म ३३,०५० बी सी में हुआ था, और उनका शासन काल ३३,००० बी सी में शुरू हुआ था - तब सतयुग के १,५०० वर्ष बीत चुके थे। उनकी पत्नी उनकी समरूप जोड़ी थीं, जिन्हें आज हम महिला दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Magda|मैग्डा]] के रूप में जानते हैं। उस समय वे मनुष्य रूप में ईश्वर के सर्वोच्च प्रतिनिधि थे। इस सभ्यता के सभी लोग ईश्वर के बताये रास्ते पर चलते थे। यीशु और मैग्डा को लोगों पर कोई नियम लागू नहीं करना पड़ा क्योंकि वे सभी अपने ईश्वरीय स्रोत के अनुरूप थे। | ||
ईसा मसीह का राजकाल ४५० साल तक चला, पर इसके बाद ज़ेनोस (Xenos) नामक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के बीज बोने शुरू कर दिए। ज़ेनोस ईसा मसीह का मुख्य सलाहकार था। अंततः वह अपने मकसद में कामयाब भी हो गया - उसने जनता को राजा (ईसा मसीह) के खिलाफ आंदोलन करने को राज़ी कर लिया और स्वयं राजा बन गया। करीब दो मिलियन लोग (जन समुदाय का २० प्रतिशत) ईसा मसीह और मैग्डा के साथ एक दूसरे स्थान पर चले गए - यह स्थान बाद में सुएर्न (Suern) कहलाया - यह भारत और अरब को मिलाकर बना था। इनमें से आधे लोगों का आध्यात्मिक उत्थान हो गया और बाकी आज भी पृथ्वी पर हैं तथा आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर चल रहे हैं। | |||
=== Other embodiments on Atlantis === | === Other embodiments on Atlantis === |
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