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यीशु की पूर्व क्षेत्रों की यात्रा का वर्णन करने वाले सूचीपत्र आज भी कश्मीर में लद्दाख की एक घाटी में एक मठ में संरक्षित हैं। भारत में उन्होंने [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|महान दिव्य निदेशक]], [[Special:MyLanguage/Lord Maitreya|मैत्रेय]] और भगवान [[Special:MyLanguage/Himalaya|हिमालय]] के अधीन अध्ययन किया। यहीं पर उन्हें अपने मिशन के लिए मुख्य मंत्र मिले, जिन्हें बाद में उन्होंने अपने शिष्यों को सिखाया। इनमें से कुछ मंत्र यीशु द्वारा मार्क प्रोफेट को दी गयी दिव्य वाणी "द ट्रांसफ़िगरिंग अफ़र्मेशन्स" में शामिल हैं। | |||
Having been a member of the Order of [[Zadkiel]] prior to his final embodiment, Jesus had learned the science of invocation and [[alchemy]]. This knowledge enabled him to change water into wine, to calm the sea, to heal the sick and to raise the dead. | Having been a member of the Order of [[Zadkiel]] prior to his final embodiment, Jesus had learned the science of invocation and [[alchemy]]. This knowledge enabled him to change water into wine, to calm the sea, to heal the sick and to raise the dead. |
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