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(Created page with "कर्म का सिद्धांत आत्मा के पुनर्जन्म को तब तक आवश्यक बनाता है जब तक कि सभी कर्म संतुलित नहीं हो जाते। इस प्रकार, पृथ्वी पर विभिन्न जन्मों में मनुष्य अपने कार्यों, विचारो...") |
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[[Special:MyLanguage/Saint Paul|पॉल]] ने कहा है: "मनुष्य जो कुछ बोएगा, वही काटेगा।"<ref>गैल। ६:७.</ref> न्यूटन के अनुसार: "प्रत्येक क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है जोकि क्रिया के बराबर होती है।" | [[Special:MyLanguage/Saint Paul|पॉल]] ने कहा है: "मनुष्य जो कुछ बोएगा, वही काटेगा।"<ref>गैल। ६:७.</ref> न्यूटन के अनुसार: "प्रत्येक क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है जोकि क्रिया के बराबर होती है।" | ||
कर्म का सिद्धांत आत्मा के [[Special:MyLanguage/reincarnation|पुनर्जन्म]] को तब तक आवश्यक बनाता है जब तक कि सभी कर्म संतुलित नहीं हो जाते। इस प्रकार, पृथ्वी पर विभिन्न जन्मों में मनुष्य अपने कार्यों, विचारों, भावनाओं, शब्दों और कर्मों से अपना भाग्य निर्धारित करता है। | |||
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