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सदियों से ''कर्म'' शब्द का उपयोग मनुष्य की कार्य-कारण संबंधी अवधारणाओं, ब्रह्मांडीय कानून और उस कानून के साथ उसके संबंध को परिभाषित करने के लिए किया जाता रहा है। शब्द आत्मा से पदार्थ तक के प्रवाह को नियंत्रित करने वाली ऊर्जा की एक कुंजी है। दिव्यगुरूओं के अनुसार कर्म मूलतः [[Special:MyLanguage/reincarnation|लेमुरिया]] सभ्यता का शब्द है, जिसका अर्थ है - किरण के कारण की अभिव्यक्ति। | सदियों से ''कर्म'' शब्द का उपयोग मनुष्य की कार्य-कारण संबंधी अवधारणाओं, ब्रह्मांडीय कानून और उस कानून के साथ उसके संबंध को परिभाषित करने के लिए किया जाता रहा है। शब्द आत्मा से पदार्थ तक के प्रवाह को नियंत्रित करने वाली ऊर्जा की एक कुंजी है। दिव्यगुरूओं के अनुसार कर्म मूलतः [[Special:MyLanguage/reincarnation|लेमुरिया]] सभ्यता का शब्द है, जिसका अर्थ है - किरण के कारण की अभिव्यक्ति। | ||
कर्म ही ईश्वर है; कर्म ही ईश्वर के कानून, सिद्धांत और इच्छा को पालन करने का साधन है। जब आत्मा का मिलन ईश्वर की इच्छा, बुद्धि और प्रेम के साथ होता है तो आत्मा भौतिक (मानव) रूप ग्रहण करती है। नियमानुसार कर्म का पालन करने से ही मनुष्य का अस्तित्व है, कर्म से ही मनुष्य स्वयं को जीत सकता है। | |||
Karma is the law of cycles, the moving out and the moving in through the spheres of God’s own cosmic consciousness—the breathing out and the breathing in of the L<small>ORD</small>. | Karma is the law of cycles, the moving out and the moving in through the spheres of God’s own cosmic consciousness—the breathing out and the breathing in of the L<small>ORD</small>. |
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