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पश्चिमी देशों में हिंदू धर्म को बढ़ावा देने वाली संस्था वेदांत सोसाइटी के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के पास दो विकल्प होते हैं: या तो वह अपनी प्रवृत्ति का अनुसरण करे या फिर उसके विरुद्ध संघर्ष।<ref>ब्रह्मचारिणी उषा, संकलन, ''ए रामकृष्ण-वेदांत वर्डबुक'' (हॉलीवुड, कैलिफ़ोर्निया: वेदांत प्रेस, १९६२), एस.वी. "कर्म।"</ref> द इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ईस्टर्न फिलोसोफी एंड रिलिजन में लिखा है कि ''कर्म नियतिवाद का गठन नहीं करता।'' "कर्म पुनर्जन्म के तरीके को अवश्य निर्धारित करते हैं, लेकिन नए जन्म में उसके द्वारा किये जाने वाले काम नहीं - अतीत में किये गए कर्मों के कारण आपके जीवन में विभिन्न परिस्थितियां पैदा होती हैं, पर उस परिस्थिति में आपकी प्रतिक्रिया पुराने कर्म पर निर्भर नहीं ।"<ref>''द इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ईस्टर्न फिलोसोफी एंड रिलिजन'' (बोस्टन: शम्भाला प्रकाशन, १९८९), एस.वी. "कर्म।"</ref> | पश्चिमी देशों में हिंदू धर्म को बढ़ावा देने वाली संस्था वेदांत सोसाइटी के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के पास दो विकल्प होते हैं: या तो वह अपनी प्रवृत्ति का अनुसरण करे या फिर उसके विरुद्ध संघर्ष।<ref>ब्रह्मचारिणी उषा, संकलन, ''ए रामकृष्ण-वेदांत वर्डबुक'' (हॉलीवुड, कैलिफ़ोर्निया: वेदांत प्रेस, १९६२), एस.वी. "कर्म।"</ref> द इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ईस्टर्न फिलोसोफी एंड रिलिजन में लिखा है कि ''कर्म नियतिवाद का गठन नहीं करता।'' "कर्म पुनर्जन्म के तरीके को अवश्य निर्धारित करते हैं, लेकिन नए जन्म में उसके द्वारा किये जाने वाले काम नहीं - अतीत में किये गए कर्मों के कारण आपके जीवन में विभिन्न परिस्थितियां पैदा होती हैं, पर उस परिस्थिति में आपकी प्रतिक्रिया पुराने कर्म पर निर्भर नहीं ।"<ref>''द इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ईस्टर्न फिलोसोफी एंड रिलिजन'' (बोस्टन: शम्भाला प्रकाशन, १९८९), एस.वी. "कर्म।"</ref> | ||
बौद्ध धर्म इस बात से सहमत है। गौतम बुद्ध ने हमें बताया है कि कर्म को समझने से हमें अपना भविष्य बदलने का अवसर मिलता है। उन्होंने अपने एक समकालीन शिक्षक मक्खलि गोसाला - जो ये कहते थे कि मनुष्य के कर्म का उसके भाग्य पर कोई असर नहीं होता और जन्म-मृत्यु के चक्र से छुटकारा एक सहज प्रक्रिया है - को चुन्नोती दी थी। बुद्ध के अनुसार भाग्य या नियति में विश्वास करना खतरनाक है। | |||
Rather than consigning us to an irreversible fate, he taught, reincarnation allows us to take action today to change the future. Our good works of today can bring us a happier tomorrow. As the Dhammapada puts it, “Just as a man who has long been far away is welcomed with joy on his safe return by his relatives, well-wishers and friends; in the same way the good works of a man in his life welcome him in another life, with the joy of a friend meeting a friend on his return.”<ref>Mascaró, ''The Dhammapada'', p. 67.</ref> | Rather than consigning us to an irreversible fate, he taught, reincarnation allows us to take action today to change the future. Our good works of today can bring us a happier tomorrow. As the Dhammapada puts it, “Just as a man who has long been far away is welcomed with joy on his safe return by his relatives, well-wishers and friends; in the same way the good works of a man in his life welcome him in another life, with the joy of a friend meeting a friend on his return.”<ref>Mascaró, ''The Dhammapada'', p. 67.</ref> |
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