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Keeper of the Scrolls/hi: Difference between revisions

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जब जब वायलेट लौ से कर्म का निष्कासन और [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] होता है तो इसका एक अस्थायी अभिलेख बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर ही ईश्वर के कानून के विरुद्ध जाकर बार-बार दुष्कर्म करते हैं तो उनके कार्यों को [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के स्वामी]] के संज्ञान में लाया जाता है। इसके बाद कानून की एक विशिष्ट गतिविधि को उस जीवनधारा पर लागू किया जाता है ताकि उसके सभी कर्म संतुलित करे जा सकें। यह करना आवश्यक भी क्योंकि जब मनुष्य अपने दुष्कर्मों का सामना करता है तो वह ये समझ पाता है कि उसे दुराचार नहीं करना चाहिए और वह सत्य  के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। तो हम यह कह सकते हैं के मनुष्यों को उसके दुष्कर्मों के सामना करवाना ईश्वर के इंसान के प्रति स्नेह है।<ref>सूचीपत्र का प्रहरी, २२ अप्रैल १९६२</ref></blockquote>
जब जब वायलेट लौ से कर्म का निष्कासन और [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण]] होता है तो इसका एक अस्थायी अभिलेख बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर ही ईश्वर के कानून के विरुद्ध जाकर बार-बार दुष्कर्म करते हैं तो उनके कार्यों को [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के स्वामी]] के संज्ञान में लाया जाता है। इसके बाद कानून की एक विशिष्ट गतिविधि को उस जीवनधारा पर लागू किया जाता है ताकि उसके सभी कर्म संतुलित करे जा सकें। यह करना आवश्यक भी क्योंकि जब मनुष्य अपने दुष्कर्मों का सामना करता है तो वह ये समझ पाता है कि उसे दुराचार नहीं करना चाहिए और वह सत्य  के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। तो हम यह कह सकते हैं के मनुष्यों को उसके दुष्कर्मों के सामना करवाना ईश्वर के इंसान के प्रति स्नेह है।<ref>सूचीपत्र का प्रहरी, २२ अप्रैल १९६२</ref></blockquote>


सूचीपत्र के रक्षक के पास एक विशाल पुस्तकालय और अनुसंधान व् अन्वेषण की प्रयोगशालाएं होती हैं। मनुष्य ईश्वर की सहायता हेतु याचिकाएं भेजते रहते हैं तथा प्रत्युत्तर में उन्हें ऊर्जा देने के लिए व्यक्ति-विशेष के अभिलेखों की समीक्षा करने हेतु यह पुस्तकालय और प्रयोगशाला काम आती है। इस प्रकार सूचीपत्र के रक्षक का एक काम यह भी है कि वह प्रत्येक जीवात्मा के विभिन्न जन्मों का विवरण रखे जिसे आवश्यकता पड़ने पर दिव्यगुरूओं और कार्मिक बोर्ड के सामने रखा जा सके।
सूचीपत्र के प्रहरी के पास एक विशाल पुस्तकालय और अनुसंधान व् अन्वेषण की प्रयोगशालाएं होती हैं। मनुष्य ईश्वर की सहायता हेतु याचिकाएं भेजते रहते हैं तथा प्रत्युत्तर में उन्हें ऊर्जा देने के लिए व्यक्ति-विशेष के अभिलेखों की समीक्षा करने हेतु यह पुस्तकालय और प्रयोगशाला काम आती है। इस प्रकार सूचीपत्र के रक्षक का एक काम यह भी है कि वह प्रत्येक जीवात्मा के विभिन्न जन्मों का विवरण रखे जिसे आवश्यकता पड़ने पर दिव्यगुरूओं और कार्मिक बोर्ड के सामने रखा जा सके।


१९६२ में ईस्टर के दिन सूचीपत्र के रक्षक ने सर्वप्रथम इस बात का वर्णन किया था
१९६२ में ईस्टर के दिन सूचीपत्र के रक्षक ने सर्वप्रथम इस बात का वर्णन किया था
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