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Etheric plane/hi: Difference between revisions

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[[Special:MyLanguage/Matter|पदार्थ]] (Matter) के आयाम में उच्चतम तल; एक ऐसा तल जो भौतिक तल की तरह ही ठोस और वास्तविक है, लेकिन इसे जीवात्मा की इंद्रियों और भौतिक जागरूकता से परे चेतना के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है। वह स्तर जिस पर मानव जाति के संपूर्ण विकास के [[Special:MyLanguage/akashic records|आकाशीय अभिलेख]] (akashic records) व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में  दर्ज होते हैं।  
[[Special:MyLanguage/Matter|पदार्थ]] (Matter) के आयाम में उच्चतम तल; एक ऐसा तल जो भौतिक तल की तरह ही ठोस और वास्तविक है, लेकिन इसे जीवात्मा की इंद्रियों और भौतिक जागरूकता से परे चेतना के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है। वह स्तर जिस पर मानव जाति के संपूर्ण विकास के [[Special:MyLanguage/akashic records|आकाशीय अभिलेख]] (akashic records) व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में  दर्ज होते हैं।  


यह [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरूओं]] (ascended masters) और उनके [[Special:MyLanguage/retreat|आश्रय स्थल]], प्रकाश के [[Special:MyLanguage/etheric cities|आकाशीय शहरों]] (etheric cities) की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर पर प्राप्त की हुई जीवात्माएं अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह भगवान की उपस्थिति का अनुभव होता है। यहां [[Special:MyLanguage/angel|देवदूत]] (angel) और [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]] (elementals) भगवान के बच्चों के साथ मिलकर आपसी समन्वय (harmony) से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य स्वर्ण युग साम्राज्य की अंतहीन दुनिया में स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्माएं]] वास करती हैं।  
यह [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरूओं]] (ascended masters) और उनके [[Special:MyLanguage/retreat|आश्रय स्थल]], प्रकाश के [[Special:MyLanguage/etheric cities|आकाशीय शहरों]] (etheric cities) की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर पर प्राप्त की हुई जीवात्माएं अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव होता है। यहां [[Special:MyLanguage/angel|देवदूत]] (angel) और [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]] (elementals) ईश्वर के बच्चों के साथ मिलकर आपसी समन्वय (harmony) से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य स्वर्ण युग साम्राज्य की अंतहीन दुनिया में स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्माएं]] वास करती हैं।  


'''निचला आकाशीय स्तर''' सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले [[Special:MyLanguage/false hierarchy|मिथ्या पदाक्रम]] के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित [[Special:MyLanguage/mass consciousness|सामूहिक चेतना]] से परिपूर्ण है।
'''निचला आकाशीय स्तर''' सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले [[Special:MyLanguage/false hierarchy|मिथ्या पदाक्रम]] के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित [[Special:MyLanguage/mass consciousness|सामूहिक चेतना]] से परिपूर्ण है।
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