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''कुआन शिह यिन'' नाम, जैसा कि उसे अक्सर बुलाया जाता है, का अर्थ है "वह जो दुनिया की आवाज़ों को देखता है, देखता है या सुनता है।" किंवदंती के अनुसार, कुआन यिन स्वर्ग में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन जैसे ही दुनिया की चीखें उसके कानों तक पहुंचीं, वह दहलीज पर रुक गई। | ''कुआन शिह यिन'' नाम, जैसा कि उसे अक्सर बुलाया जाता है, का अर्थ है "वह जो दुनिया की आवाज़ों को देखता है, देखता है या सुनता है।" किंवदंती के अनुसार, कुआन यिन स्वर्ग में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन जैसे ही दुनिया की चीखें उसके कानों तक पहुंचीं, वह दहलीज पर रुक गई। | ||
कुआन यिन महिलाओं, नाविकों, व्यापारियों, कारीगरों, संतान के इच्छुक दम्पतियों और वे लोग जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा है, के संरक्षक के रूप में जानी जाती हैं। कुआन यिन के भक्त उनकी कृपा और उपचारात्मक शक्तियों में अथाह विश्वास रखते हैं। बहुतों का मानना है कि उनका कृपा-पात्र बनने के लिए सिर्फ उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। ''[[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की | कुआन यिन महिलाओं, नाविकों, व्यापारियों, कारीगरों, संतान के इच्छुक दम्पतियों और वे लोग जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा है, के संरक्षक के रूप में जानी जाती हैं। कुआन यिन के भक्त उनकी कृपा और उपचारात्मक शक्तियों में अथाह विश्वास रखते हैं। बहुतों का मानना है कि उनका कृपा-पात्र बनने के लिए सिर्फ उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। ''[[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की जपमाला]]'' में उनके मंत्र शामिल हैं और यह उनकी मध्यस्थता पाने करने का एक शक्तिशाली साधन है। | ||
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[[File:The Tiger Carries Off Miao Shan.jpg|thumb|upright|alt=Painting in Chinese style of Miao Shan on the back of a tiger|मियाओ शान को ले जाते हुए एक बाघ]] | [[File:The Tiger Carries Off Miao Shan.jpg|thumb|upright|alt=Painting in Chinese style of Miao Shan on the back of a tiger|मियाओ शान को ले जाते हुए एक बाघ]] | ||
कुआन यिन ने छठी शताब्दी में उत्तरी चीनी साम्राज्य में चाउ राजवंश के शासक मियाओ चुआंग वांग की तीसरी बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस राजा ने बलपूर्वक शासन पर कब्ज़ा किया था और उसकी तीव्र इच्छा थी की उसके के पुत्र हो जो उसके वंश को आगे चलाये। लेकिन भाग्य से उसकी तीन पुत्रियां हो गयी। सबसे छोटी पुत्री, मियाओ शान, एक धर्मनिष्ठ बच्ची थी जो "बौद्ध धर्म के सभी सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन करती थी। सदाचारी जीवन उसके स्वभाव में निहित था"<ref>एडवर्ड टी सी वर्नर, ''मिथ्स एंड लेजेंड्स ऑफ़ | कुआन यिन ने छठी शताब्दी में उत्तरी चीनी साम्राज्य में चाउ राजवंश के शासक मियाओ चुआंग वांग की तीसरी बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस राजा ने बलपूर्वक शासन पर कब्ज़ा किया था और उसकी तीव्र इच्छा थी की उसके के पुत्र हो जो उसके वंश को आगे चलाये। लेकिन भाग्य से उसकी तीन पुत्रियां हो गयी। सबसे छोटी पुत्री, मियाओ शान, एक धर्मनिष्ठ बच्ची थी जो "बौद्ध धर्म के सभी सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन करती थी। सदाचारी जीवन उसके स्वभाव में निहित था"<ref>एडवर्ड टी सी वर्नर, ''मिथ्स एंड लेजेंड्स ऑफ़ चाइना (Myths and Legends of China) '' (लंदन : Harrap, १९२२ ), दसवां अध्याय. निम्न वाक्या यहीं से लिया गया है</ref> | ||
उन्होंने धन और वैभव की नश्वरता को पहचान लिया था और वे "एक पर्वत पर शांति से अकेले रहना चाहती थीं"। उन्होंने अपनी बहनों से कहा था, "अगर किसी दिन मैं अच्छाई के उच्च स्तर तक पहुँच पायी तो मैं अपने माँ-पिताजी और को बचा कर स्वर्ग ले आऊँगी; मैं पृय्वी पर दुखी और पीड़ित लोगों का उद्धार करुँगी; मैं बुरे कर्म करने वाली जीवात्माओं का मन बदलकर उन्हें भलाई के रास्ते पर चलाऊंगी।" | उन्होंने धन और वैभव की नश्वरता को पहचान लिया था और वे "एक पर्वत पर शांति से अकेले रहना चाहती थीं"। उन्होंने अपनी बहनों से कहा था, "अगर किसी दिन मैं अच्छाई के उच्च स्तर तक पहुँच पायी तो मैं अपने माँ-पिताजी और को बचा कर स्वर्ग ले आऊँगी; मैं पृय्वी पर दुखी और पीड़ित लोगों का उद्धार करुँगी; मैं बुरे कर्म करने वाली जीवात्माओं का मन बदलकर उन्हें भलाई के रास्ते पर चलाऊंगी।" | ||
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समस्त जीवों के साथ एकीकार होने के कारण हम सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों - बहुत अच्छी से बहुत बुरी - के प्रति जागरूक हैं। एक बोधिसत्व के लिए यह उसके आदर्श काम का हिस्सा है, यह उन लोगों का भी हिस्सा है जो मानवता के साथ खड़े हैं। इस ग्रह पर ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, हालाँकि यह संख्या उन लोगों की संख्या में बहुत कम है जो उपद्रवी जीवन जीते हैं। बोधिसत्व एक बहुत ही उच्च और पवित्र वर्ग है, और मेरा सुझाव है कि आप इसका हिस्सा बनने से पहले अच्छी तरह सोच लें। | समस्त जीवों के साथ एकीकार होने के कारण हम सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों - बहुत अच्छी से बहुत बुरी - के प्रति जागरूक हैं। एक बोधिसत्व के लिए यह उसके आदर्श काम का हिस्सा है, यह उन लोगों का भी हिस्सा है जो मानवता के साथ खड़े हैं। इस ग्रह पर ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, हालाँकि यह संख्या उन लोगों की संख्या में बहुत कम है जो उपद्रवी जीवन जीते हैं। बोधिसत्व एक बहुत ही उच्च और पवित्र वर्ग है, और मेरा सुझाव है कि आप इसका हिस्सा बनने से पहले अच्छी तरह सोच लें। | ||
युगों युगों तक जब आपकी हर कोशिश के बावजूद लोग ईश्वर के मार्ग से विमुख रहते हैं, तब आपके मन में ऐसा विचार आ सकता है कि काश आपने कोई दूसरा, आसान रास्ता चुना होता, जो शायद आपको ज़्यादा संतुष्टि देता। सदियां गुज़र जाने के बाद भी जब आप देखते हैं कि जिन लोगों को आपने स्वयं अपने ह्रदय की लौ से सींचा है, वे भी निम्न सांसारिक बंधनों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, तो आप स्वयं को ईश्वर के सामने रोता हुआ पाते हैं, और कहते हैं, "हे ईश्वर इन पथभ्रष्ट लोगों को कब बुद्धि आएगी, कब ये अपनी दिव्यता को समझेंगे<ref>कुआन यिन “द क्वालिटी ऑफ़ मर्सी फ़ोर द रीजेनेरशन ऑफ़ द यूंथ ऑफ़ द वर्ल्ड,” ''पर्ल्स ऑफ़ विजडम '', १९८२ , किताब II, पृष्ठ ''१२०–२१''.</ref> | युगों युगों तक जब आपकी हर कोशिश के बावजूद लोग ईश्वर के मार्ग से विमुख रहते हैं, तब आपके मन में ऐसा विचार आ सकता है कि काश आपने कोई दूसरा, आसान रास्ता चुना होता, जो शायद आपको ज़्यादा संतुष्टि देता। सदियां गुज़र जाने के बाद भी जब आप देखते हैं कि जिन लोगों को आपने स्वयं अपने ह्रदय की लौ से सींचा है, वे भी निम्न सांसारिक बंधनों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, तो आप स्वयं को ईश्वर के सामने रोता हुआ पाते हैं, और कहते हैं, "हे ईश्वर इन पथभ्रष्ट लोगों को कब बुद्धि आएगी, कब ये अपनी दिव्यता को समझेंगे<ref>कुआन यिन “द क्वालिटी ऑफ़ मर्सी फ़ोर द रीजेनेरशन ऑफ़ द यूंथ ऑफ़ द वर्ल्ड (The Quality of Mercy for the Regeneration of the Youth of the World),” ''पर्ल्स ऑफ़ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , किताब II, पृष्ठ ''१२०–२१''.</ref> | ||
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आपको इस बात का एहसास ही नहीं है कि दया की लौ के कारण आपका जीवन में कितना संतुलन है। आपने जब जब ईश्वर को पुकारा, ईश्वर ने उत्तर दिया जिसके परिणामस्वरूप मेरे हृदय और हाथों से दया प्रवाहित हुई। मैं आपको यह बताना चाहती हूँ जब जब ईश्वर आपके ऊपर दया करते हैं तो आपका कर्त्तव्य है कि आप ईश्वर के मार्ग का अनुसरण करें और अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए ईश्वर-तुल्य कार्य करें<ref>कुआन यिन, “मर्सी: द फायर दैट ट्राइज़ एवरी मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works),” ''पर्ल्स ऑफ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९६''.</ref> | आपको इस बात का एहसास ही नहीं है कि दया की लौ के कारण आपका जीवन में कितना संतुलन है। आपने जब जब ईश्वर को पुकारा, ईश्वर ने उत्तर दिया जिसके परिणामस्वरूप मेरे हृदय और हाथों से दया प्रवाहित हुई। मैं आपको यह बताना चाहती हूँ जब जब ईश्वर आपके ऊपर दया करते हैं तो आपका कर्त्तव्य है कि आप ईश्वर के मार्ग का अनुसरण करें और अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए ईश्वर-तुल्य कार्य करें<ref>कुआन यिन, “मर्सी: द फायर दैट ट्राइज़ एवरी मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works),” ''पर्ल्स ऑफ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९६''.</ref> | ||
बोधिसत्व कुआन यिन को '''दया की देवी''' के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह दया, करुणा और क्षमा के ईश्वरीय-गुणों को दर्शाती हैं। ये [[Special:MyLanguage/Karmic Board| | |||
कार्मिक बोर्ड]] में सातवीं किरण (वायलेट किरण) का प्रतिनिधित्व करती है। [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जर्मेन]] से पहले इन्होनें दो हजार वर्षों तक सातवीं किरण के [[Special:MyLanguage/chohan|चोहान]] का पद भी संभाला-संत जर्मेन ने 1700 के अंतिम चरणों में यह पदभार लिया था। | |||
== | <span id="Her_retreat"></span> | ||
== इनका आकाशीय आश्रय स्थल == | |||
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कुआन यिन हजारों साल पहले पृथ्वी पर थीं। इस ग्रह को छोड़ने के वक्त इन्होनें मोक्ष प्राप्त करने की अपेक्षा पृथ्वीवासियों की सेवा करने का व्रत लिया, इसलिए ये बोधिसत्व बन गयीं और तब तक ये ऐसे ही रहेंगी जब तक कि सारे पृथ्वीवासी मुक्त नहीं हो जाते। इनका आकाशीय आश्रय स्थल, टेंपल ऑफ मर्सी, चीन के पेकिंग (बीजिंग) में हैं। ये मनुष्यों को अपने कर्म संतुलित करना, जीवन को द्विव्य योजना के अनुसार चलाना और मानवता की सेवा करना सिखाती हैं। | |||
कुआन यिन की लौ ऑर्किड रंग की है, जो कि ईश्वरीय प्रेम के गुलाबी रंग एवं ईश्वरीय इच्छा के नीले रंग का मिश्रण है। गुलाबी-बैंगनी रंग का कमल इनका फूल है - जिसमें मध्य भाग गुलाबी और परिधि का रंग गहरा बैंगनी है। | |||
== | <span id="See_also"></span> | ||
== इसे भी देखिये == | |||
[[Kuan Yin’s Crystal Rosary]] | [[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला]] | ||
== | <span id="Sources"></span> | ||
== स्रोत == | |||
{{MTR}}, s.v. | {{MTR}}, s.v. “कुआन यिन” | ||
'' | ''कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला'' पुस्तिका, परिचय। | ||
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, १ जुलाई १९८८ | |||
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, ५ जुलाई १९९६ | |||
[[Category:Heavenly beings]] | [[Category:Heavenly beings]] | ||
<references /> | <references /> |
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