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Translations:Four lower bodies/11/hi: Difference between revisions

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जब मनुष्य का मानसिक (वायु) शरीर व्यर्थ के सांसारिक ज्ञान से भर जाता है तो यह ईश्वर के शब्दों को ग्रहण करने में असमर्थ हो जाता है। ऐसी में सर्पीले (serpent) तर्क (logic) उसके दिमाग को वश में कर लेते हैं और वह दोहरे मापदंड में भाग लेने के लिए अपनी चेतना का स्तर कम कर देता है। इसके बाद दैहिक बुद्धि आत्मा का स्थान ले लेती है और मानसिक शरीर पर पूर्णतया अधिकार करके कृत्रिम चेतना का निर्माण कर उसमें शासन करती है।
जब मनुष्य का मानसिक (वायु) शरीर व्यर्थ के सांसारिक ज्ञान से भर जाता है तो यह ईश्वर के शब्दों को ग्रहण करने में असमर्थ हो जाता है। ऐसी में सर्पीले (serpent) तर्क (logic) उसके दिमाग को वश में कर लेते हैं और वह दोहरे मापदंड (double standard) में भाग लेने के लिए अपनी चेतना का स्तर कम कर देता है। इसके बाद दैहिक बुद्धि आत्मा का स्थान ले लेती है और मानसिक शरीर पर पूर्णतया अधिकार करके कृत्रिम चेतना का निर्माण कर उसमें शासन करती है।
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