1,424
edits
PoonamChugh (talk | contribs) No edit summary |
PoonamChugh (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 4: | Line 4: | ||
[[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] (Moses) ने घोषणा की थी, “भगवान एक पूर्ण भस्म करने वाली अग्नि है।”<ref>Deut। ४:२४।</ref> जहां कहीं भी ईश्वर की लौ है या ईश्वर की संतानों द्वारा इस लौ का आह्वान किया जाता है, पवित्र अग्नि, अपनी सातवीं किरण [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] (violet flame) द्वारा सभी निचले स्पंदन वाली वस्तुओं का रूपांतरण करने के लिए वहां आती है। | [[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] (Moses) ने घोषणा की थी, “भगवान एक पूर्ण भस्म करने वाली अग्नि है।”<ref>Deut। ४:२४।</ref> जहां कहीं भी ईश्वर की लौ है या ईश्वर की संतानों द्वारा इस लौ का आह्वान किया जाता है, पवित्र अग्नि, अपनी सातवीं किरण [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] (violet flame) द्वारा सभी निचले स्पंदन वाली वस्तुओं का रूपांतरण करने के लिए वहां आती है। | ||
[[Special:MyLanguage/Zarathustra|जरथुस्त्र]] (Zarathustra) द्वारा प्रगट की गई [[Special:MyLanguage/Ahura Mazda|अहुरा मज़्दा]] (Ahura Mazda) की पवित्र अग्नि से लेकर, [[Special:MyLanguage/Holy Ghost|पवित्र आत्मा]] (Holy Ghost) के द्वारा [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] के अग्नि से दीक्षा-स्नान (ईसाई होने के समय प्रथम जल-संस्कार) तक "<ref>मैट ३:११, १२.</ref> धर्मदूत के [[Special:MyLanguage/trial by fire|अग्नि-परीक्षण]] (trial by fire) की अनुभूति से <ref>आई कोर ३:१३-१५; आई पेट. १:७.</ref> सात गुना रोशनी की अनन्त लौ तक,<ref>एक्सोड २५:३१-४०; ३७:१७-२४.</ref> ईश्वर की जो भी संतानें लौ में प्रवेश करती हैं वे ईश्वर की ज्वलंत उपस्थिति का सम्मान करती हैं और उन्हें [[Special:MyLanguage/Shekinah| | [[Special:MyLanguage/Zarathustra|जरथुस्त्र]] (Zarathustra) द्वारा प्रगट की गई [[Special:MyLanguage/Ahura Mazda|अहुरा मज़्दा]] (Ahura Mazda) की पवित्र अग्नि से लेकर, [[Special:MyLanguage/Holy Ghost|पवित्र आत्मा]] (Holy Ghost) के द्वारा [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] के अग्नि से दीक्षा-स्नान (ईसाई होने के समय प्रथम जल-संस्कार) तक "<ref>मैट ३:११, १२.</ref> धर्मदूत के [[Special:MyLanguage/trial by fire|अग्नि-परीक्षण]] (trial by fire) की अनुभूति से <ref>आई कोर ३:१३-१५; आई पेट. १:७.</ref> सात गुना रोशनी की अनन्त लौ तक,<ref>एक्सोड २५:३१-४०; ३७:१७-२४.</ref> ईश्वर की जो भी संतानें लौ में प्रवेश करती हैं वे ईश्वर की ज्वलंत उपस्थिति का सम्मान करती हैं और उन्हें [[Special:MyLanguage/Shekinah|शेकिनाह]] (Shekinah) की महिमा के मध्य देखती हैं। और अपने दिल में वो सभी जीवात्माएं आत्मा से मिलन का इंतज़ार ऐसे करती हैं मानों कोई दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा कर रही हो। “प्रभु कहते हैं, मैं उन जीवात्माओं की रक्षा के लिए उनके चारों तरफ आग की दीवार बनूंगा”<ref>ज़ेच. २:५.</ref> | ||
शेकिनाह]] (Shekinah) की महिमा के मध्य देखती हैं। और अपने दिल में वो सभी जीवात्माएं आत्मा से मिलन का इंतज़ार ऐसे करती हैं मानों कोई दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा कर रही हो। “प्रभु कहते हैं, मैं उन जीवात्माओं की रक्षा के लिए उनके चारों तरफ आग की दीवार बनूंगा”<ref>ज़ेच. २:५.</ref> | |||
<span id="Sources"></span> | <span id="Sources"></span> |
edits