Jump to content

Maha Chohan/hi: Difference between revisions

Created page with "महा चौहान के आश्रय स्थल में और उनकी उपस्थिति में व्यक्ति को पवित्र आत्मा की लौ का अनुभव होता है। यहां ईश्वर के पवित्र अग्निश्वास की धड़कन भी महसूस होती है जो Special:MyLanguage/Central Sun|केंद्रीय सू..."
(Created page with "पेंटेकोस्ट के दिन जब शिष्यों के ह्रदय अत्यंत निर्मल और पावन हो गए थे, पवित्र आत्मा की जुड़वां लौ आग की लपलपाती हुई जिह्वा के रूप में प्रकट हुई।<ref>Acts२:३।</ref>जब ईसा मसीह का ईसा...")
(Created page with "महा चौहान के आश्रय स्थल में और उनकी उपस्थिति में व्यक्ति को पवित्र आत्मा की लौ का अनुभव होता है। यहां ईश्वर के पवित्र अग्निश्वास की धड़कन भी महसूस होती है जो Special:MyLanguage/Central Sun|केंद्रीय सू...")
Line 47: Line 47:
[[Special:MyLanguage/Pentecost|पेंटेकोस्ट]] के दिन जब शिष्यों के ह्रदय अत्यंत निर्मल और पावन हो गए थे, पवित्र आत्मा की जुड़वां लौ आग की लपलपाती हुई जिह्वा के रूप में प्रकट हुई।<ref>Acts२:३।</ref>जब ईसा मसीह का ईसाई धर्म का विधिवत सदस्‍य बनने का संस्‍कार () किया गया था तो उन्होंने ईश्वर को एक कबूतर के रूप में नीचे उतरते हुए एव अपने ऊपर प्रकाश डालते हुए देखा था।"<ref>Matt३:१६</ref> कबूतर पवित्र आत्मा की जुड़वां लौ का भौतिक स्वरुप है, जिसे पंखों के साथ एक वी के रूप में भी देखा जा सकता है। यह देवता के स्त्री और पुरुष ध्रुवों को दर्शाता है और यह भी याद दिलाता है कि जुड़वाँ लौ ईश्वर के उभयलिंगी स्वभाव को प्रदर्शित करती हैं।
[[Special:MyLanguage/Pentecost|पेंटेकोस्ट]] के दिन जब शिष्यों के ह्रदय अत्यंत निर्मल और पावन हो गए थे, पवित्र आत्मा की जुड़वां लौ आग की लपलपाती हुई जिह्वा के रूप में प्रकट हुई।<ref>Acts२:३।</ref>जब ईसा मसीह का ईसाई धर्म का विधिवत सदस्‍य बनने का संस्‍कार () किया गया था तो उन्होंने ईश्वर को एक कबूतर के रूप में नीचे उतरते हुए एव अपने ऊपर प्रकाश डालते हुए देखा था।"<ref>Matt३:१६</ref> कबूतर पवित्र आत्मा की जुड़वां लौ का भौतिक स्वरुप है, जिसे पंखों के साथ एक वी के रूप में भी देखा जा सकता है। यह देवता के स्त्री और पुरुष ध्रुवों को दर्शाता है और यह भी याद दिलाता है कि जुड़वाँ लौ ईश्वर के उभयलिंगी स्वभाव को प्रदर्शित करती हैं।


In the presence of the Maha Chohan and within the walls of his retreat, one feels the rhythm of the Holy Spirit, the pulsations of the sacred-fire breath of God, releasing the flow of life from the [[Central Sun]] into the hearts of all evolving upon this planet.
महा चौहान के आश्रय स्थल में और उनकी उपस्थिति में व्यक्ति को पवित्र आत्मा की लौ का अनुभव होता है। यहां ईश्वर के पवित्र अग्निश्वास की धड़कन भी महसूस होती है जो [[Special:MyLanguage/Central Sun|केंद्रीय सूर्य]] से पृथ्वी के प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय में जीवन के प्रवाह को लाती है।


The Maha Chohan has referred to the Holy Spirit as the great unifying coordinator who,  
The Maha Chohan has referred to the Holy Spirit as the great unifying coordinator who,  
5,931

edits