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उस समय बहुत सारे अमेरिकियों ने स्वर्गीय मध्यस्थों की उपस्थिति और दैवीय हस्तक्षेप को जीवन में एक स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार किया था। उस समय के कलाकार और साहित्यकार अक्सर अपनी कला और साहित्य में देवदूतों और देवी-देवताओं का चित्रण किया करते थे। स्वतंत्रता की देवी जो देशभक्तों द्वारा समर्थित "पवित्र उद्देश्य" की संरक्षिका हैं, शायद सभी ब्रह्मांडीय जीवों में सबसे अधिक पूजनीय थीं। सन १७७५ में थॉमस पेन ने इनके सम्मान में "लिबर्टी ट्री" नामक गीत भी लिखा था । | उस समय बहुत सारे अमेरिकियों ने स्वर्गीय मध्यस्थों की उपस्थिति और दैवीय हस्तक्षेप को जीवन में एक स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार किया था। उस समय के कलाकार और साहित्यकार अक्सर अपनी कला और साहित्य में देवदूतों और देवी-देवताओं का चित्रण किया करते थे। स्वतंत्रता की देवी जो देशभक्तों द्वारा समर्थित "पवित्र उद्देश्य" (sacred cause) की संरक्षिका हैं, शायद सभी ब्रह्मांडीय जीवों में सबसे अधिक पूजनीय थीं। सन १७७५ में थॉमस पेन ( Thomas Paine) ने इनके सम्मान में "लिबर्टी ट्री" (Liberty Tree) नामक गीत भी लिखा था । |
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