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(Created page with "सामूहिक जन चेतना दुनिया के रंग ढंग के अनुसार होती है। ग्रह मंडलों का परिणाम सबसे ऊपर और सबसे निम्न स्तर के कुछ लोगों पर ही निर्भर करता है। महत्वपूर्ण बात ये है कि क्या शीर्ष पर मौजूद...") |
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लेकिन जो लोग अपरिभाषित क्षेत्र में हैं वे केवल तब हरकत में आते हैं जब कोई उनको बाहर से उकसाता है, ऐसे लोग उच्च चेतना वाले लोगों के प्रति उदासीन होते हैं और इसलिए वे धीरे धीरे नीचे गिरते जाते हैं... | लेकिन जो लोग अपरिभाषित क्षेत्र में हैं वे केवल तब हरकत में आते हैं जब कोई उनको बाहर से उकसाता है, ऐसे लोग उच्च चेतना वाले लोगों के प्रति उदासीन होते हैं और इसलिए वे धीरे धीरे नीचे गिरते जाते हैं... | ||
सामूहिक जन चेतना दुनिया के रंग ढंग के अनुसार होती है। ग्रह मंडलों का परिणाम सबसे ऊपर और सबसे निम्न स्तर के कुछ लोगों पर ही निर्भर करता है। महत्वपूर्ण बात ये है कि क्या शीर्ष पर मौजूद लोग अपने उस विशिष्ट स्थान को पहचानते हैं? क्या वे ये समझते हैं कि वे वास्तव में शीर्ष पर हैं और पृथ्वी पर रहने वाले लाखों लोगों को प्रकाश देने का उत्तरदायित्व उनपर है? क्या वे मानते हैं कि पथभ्रष्ट (जिनकी चेतना पाताल लोक के कीचड़ में फँसी है) लोगों को रास्ते पर लाने में उनकी भूमिका सर्वोपरि है? | |||
Blessed ones, the destiny, then, of earth can be said to be in the hands of a few and [in the balance of] the decisions that are made by those in the spectra of Light and those in the spectra of Darkness.<ref>Cuzco, “The Wisdom of God Parents,” {{POWref|32|2|, January 8, 1989}}</ref> | Blessed ones, the destiny, then, of earth can be said to be in the hands of a few and [in the balance of] the decisions that are made by those in the spectra of Light and those in the spectra of Darkness.<ref>Cuzco, “The Wisdom of God Parents,” {{POWref|32|2|, January 8, 1989}}</ref> |
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