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ईश्वर के हृदय से इस | मेरे प्रिय, ईश्वर के हृदय से इस पृथ्वी पर आना एक सुनहरा अवसर है। और ईश्वर के हृदय में वापस जाना भी एक सुन्दर अवसर है। इसलिए मनुष्यों को कृतज्ञता के इस वरदान को स्वीकार करना चाहिए - "सदा कृतज्ञता के भाव में रहना चाहिए!" मानव जाति को हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।<ref>स्वाधीनता की देवी, ''लिबर्टी प्रोक्लेम्स'' (१९७५), पृष्ठ १३, १५- १६. (The Goddess of Liberty, ''Liberty Proclaims'' (1975), pp. 13, 15–16.)</ref> | ||
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