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Golden age/hi: Difference between revisions

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== सतयुग की विशेषताएँ (Characteristics of the golden ages) ==
== सतयुग की विशेषताएँ (Characteristics of the golden ages) ==


आदर्श समाज में पुरोहित, राजा, और वैज्ञानिक होते हैं। वास्तव में सरकार, विज्ञान और [[Special:MyLanguage/religion|धर्म]] के बीच कोई भिन्नता नहीं होती है क्योंकि ये [[Special:MyLanguage/power, wisdom and love|शक्ति, ज्ञान और प्रेम]] (power, wisdom and love) की त्रिज्योति लौ की अभिव्यक्ति है। मंदिरों और सरकारी, शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थानों में अधिकार के पद उन दीक्षार्थियों को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने कुछ सीमा तक आत्म-निपुणता हासिल कर ली है जिसकी वजह से वे अन्य लोगों (जो दीक्षा के निचले पायदानों पर हैं) के लिए उचित निर्णय लेने के योग्य हैं। अंततः सभी पृथ्वीवासियों को अपने सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा।   
आदर्श समाज के मुखिया, राजा, और वैज्ञानिक होते हैं। वास्तव में सरकार, विज्ञान और [[Special:MyLanguage/religion|धर्म]] के बीच कोई भिन्नता नहीं होती है क्योंकि ये [[Special:MyLanguage/power, wisdom and love|शक्ति, ज्ञान और प्रेम]] (power, wisdom and love) की त्रिज्योति लौ की अभिव्यक्ति है। मंदिरों और सरकारी, शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थानों में अधिकार के पद उन दीक्षार्थियों को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने कुछ सीमा तक आत्म-निपुणता हासिल कर ली है जिसकी वजह से वे अन्य लोगों (जो दीक्षा के निचले पायदानों पर हैं) के लिए उचित निर्णय लेने के योग्य हैं। अंततः सभी पृथ्वीवासियों को अपने सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा।   


आदर्श समाज के नियम उस ब्रह्मांडीय कानून पर आधारित हैं जिसे इस विश्व के निर्माता (ईश्वर) ने मनुष्यों के "अंतःकरण" में डाला है, उनके दिल में लिखा है, और अपने देवदूतों द्वारा सार्वभौमिक सत्य के अभिलेखागार में दर्ज करवाया है। इन्हें दिव्यगुरुओं के [[Special:MyLanguage/Etheric retreat|आकाशीय आश्रय स्थलों]] में आज तक सुरक्षित रखा गया है।   
आदर्श समाज के नियम उस ब्रह्मांडीय कानून पर आधारित हैं जिसे इस विश्व के निर्माता (ईश्वर) ने मनुष्यों के "अंतःकरण" में डाला है, उनके दिल में लिखा है, और अपने देवदूतों द्वारा सार्वभौमिक सत्य के अभिलेखागार में दर्ज करवाया है। इन्हें दिव्यगुरुओं के [[Special:MyLanguage/Etheric retreat|आकाशीय आश्रय स्थलों]] में आज तक सुरक्षित रखा गया है।   
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