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जैडकीयल कहते हैं: | जैडकीयल कहते हैं: | ||
<blockquote>आप इस बात को अच्छी तरह समझिये कि जब आप वायलेट लौ के देवदूतों के समूहों का आह्वाहन करते हैं तो लाखों की संख्या में सातवीं किरण के देवदूत मदद के लिए आपकी | <blockquote>आप इस बात को अच्छी तरह समझिये कि जब आप वायलेट लौ के देवदूतों के समूहों का आह्वाहन करते हैं तो लाखों की संख्या में सातवीं किरण के देवदूत मदद के लिए आपकी ओर अग्रसर होते हैं। हम पृथ्वी पर कर्मों का खेल देखते हैं - कभी अच्छे कर्म ज़्यादा होते हैं और कभी बुरे। हम यह भी देखते हैं की किस तरह वायलेट लौ के संरक्षक प्रतिदिन इसका आह्वाहन करके संपूर्ण विश्व के बुरे कर्मों घटाते हैं। <ref>महादेवदूत जैडकीयल ६ अक्टूबर, १९८७, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६।</ref></blockquote> | ||
किस तरह हम विश्व की परिस्तिथियों को प्रभावी तौर से बदल सकते हैं? | किस तरह हम विश्व की परिस्तिथियों को प्रभावी तौर से बदल सकते हैं? |
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