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'''दूसरी बात है कि अपनी प्रार्थना को विस्तार (specific) से कहिये।''' महादेवदूत जैडकीयल और एमेथिस्ट कहते हैं: | '''दूसरी बात है कि अपनी प्रार्थना को विस्तार (specific) से कहिये।''' महादेवदूत जैडकीयल और एमेथिस्ट कहते हैं: | ||
<blockquote>यह संसार दुखों से भरा है, इसमें बहुत सारे अधर्म और अन्याय हैं। आप ध्यान से इन सब का अवलोकन कीजिये और फिर तय कीजिये की ऐसे कौन से विषय हैं जिनके लिए आप प्रार्थना करना चाहते | <blockquote>यह संसार दुखों से भरा है, इसमें बहुत सारे अधर्म और अन्याय हैं। आप ध्यान से इन सब का अवलोकन कीजिये और फिर तय कीजिये की ऐसे कौन से विषय हैं जिनके लिए आप प्रार्थना करना चाहते हैं। सभी विष्यों में से केवल एक या दो का चुनाव कीजिये, और फिर निष्ठुर ढंग से उनके निवारण के काम में लग जाइये - वायलेट लौ के दिव्य आदेश कीजिये, ध्यान समाधि में बैठिये, और अपने शहर के कर्मो के बोझ को हल्का करने में मदद कीजिये। हो सके तो समूह में सभी इकठ्ठे होकर दिव्य आदेश कीजिये। इस प्रकार आप अपनी सभ्यता का पतन होने से बचा सकते हैं। <ref>महादेवदूत जैडकीयल और एमेथिस्ट, “Vials of Freedom,” ३० दिसंबर, 1974, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.</ref></blockquote> | ||
<blockquote>आप जब ऐसा करते हैं तो हम पृथ्वी पर वायलेट लौ के प्रक्षेपास्त्र (missiles) भेजते हैं। मैं आपसे कह रहा हूँ - ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!<ref>महादेवदूत जैडकीयल, २४ मार्च, १९८९, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९८९.</ref></blockquote> | <blockquote>आप जब ऐसा करते हैं तो हम पृथ्वी पर वायलेट लौ के प्रक्षेपास्त्र (missiles) भेजते हैं। मैं आपसे कह रहा हूँ - ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!<ref>महादेवदूत जैडकीयल, २४ मार्च, १९८९, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९८९.</ref></blockquote> |
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