Jump to content

Zadkiel and Holy Amethyst/hi: Difference between revisions

no edit summary
No edit summary
No edit summary
Line 65: Line 65:
चमत्कार अचानक होने वाली एक रूपांतरण क्रिया है। यह रूपांतरण  क्रिया इसलिए संभव हो पाती  है क्योंकि कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड में किसी मनुष्य ने वायलेट लौ के  दिव्य आदेशों को कर के उतनी ऊर्जा एकत्रित कर ली होती है कि किसी समस्या के समय उस ऊर्जा के उपयोग द्वारा [[Special:MyLanguage/etheric plane|सूक्ष्म स्तर]] (etheric plane), मानसिक स्तर, भावनात्मक स्तर एवं भौतिक स्तर पर तात्कालिक (instantaneous) सकारात्मक बदलाव आ सके।
चमत्कार अचानक होने वाली एक रूपांतरण क्रिया है। यह रूपांतरण  क्रिया इसलिए संभव हो पाती  है क्योंकि कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड में किसी मनुष्य ने वायलेट लौ के  दिव्य आदेशों को कर के उतनी ऊर्जा एकत्रित कर ली होती है कि किसी समस्या के समय उस ऊर्जा के उपयोग द्वारा [[Special:MyLanguage/etheric plane|सूक्ष्म स्तर]] (etheric plane), मानसिक स्तर, भावनात्मक स्तर एवं भौतिक स्तर पर तात्कालिक (instantaneous) सकारात्मक बदलाव आ सके।


एक '''अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात''' जो जैडकीयल हमें कहते हैं वो है '''वायलेट लौ में समा जाना''':  
एक '''अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात''' जो जैडकीयल हमें बताते हैं वो है '''वायलेट लौ में समा जाना''':  


<blockquote>भौतिक स्थल में प्रकाश का खुला द्वार आप स्वयं हैं - विरोध करने के लिए, प्रमाणित करने के लिए एवं दिव्य आदेश करने के लिए आपके द्वारा बोले गए शब्द ही शक्ति हैं। आप पहले ईश्वर के समक्ष प्रार्थना कीजिये फिर अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कीजिये। इस पृथ्वी पर सुरक्षा और मोक्ष प्राप्त करने के द्वार आप स्वयं हैं।  <ref>महादेवदूत जैडकीयल, “My Gift of the Violet Flame,” {{POWref|30|58|, २७ नवम्बर, १९८७}}</ref></blockquote>
<blockquote>भौतिक स्थल में प्रकाश का खुला द्वार आप स्वयं हैं - विरोध करने के लिए, प्रमाणित करने के लिए एवं दिव्य आदेश करने के लिए आपके द्वारा बोले गए शब्द ही शक्ति हैं। आप पहले ईश्वर के समक्ष प्रार्थना कीजिये फिर अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कीजिये। इस पृथ्वी पर सुरक्षा और मोक्ष प्राप्त करने के द्वार आप स्वयं हैं।  <ref>महादेवदूत जैडकीयल, “My Gift of the Violet Flame,” {{POWref|30|58|, २७ नवम्बर, १९८७}}</ref></blockquote>
8,860

edits