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Jesus/hi: Difference between revisions

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=== मीन युग के अवतार ===
=== मीन युग के अवतार ===


पूर्वी और पश्चिमी देशो में कई जन्म लेने व् विभिन्न दीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद यीशु ने अपने अंतिम अवतार में जन्म लिया। इन सब जन्मों के दैरान उन्होंने अपने कर्म का एक छोटा भाग अपने भविष्य के मिशन के लिए बचाये रखा था - इसे उन्होंने तैंतीस साल की उम्र में फिलिस्तीन छोड़ने के समय संतुलित किया। यीशु ने यह जान लिया था कि उनके पुराने गुरु एलिजा ने इस जन्म में जॉन द बैपटिस्ट के रूप में जन्म लिया है और ऐसा उन्होंने अपने चेले (यीशु) के लिए रास्ता तैयार करने के लिए किया था।  
पूर्वी और पश्चिमी देशो में कई जन्म लेने व् विभिन्न दीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद यीशु ने अपने अंतिम अवतार में जन्म लिया। इन सब जन्मों के समय उन्होंने अपने कर्म का एक छोटा भाग अपने भविष्य के मिशन के लिए बचाये रखा था - इसे उन्होंने तैंतीस साल की उम्र में फिलिस्तीन (Palestine) छोड़ने के समय संतुलित किया। यीशु ने यह जान लिया था कि उनके पुराने गुरु एलिजा ने इस जन्म में जॉन द बैपटिस्ट के रूप में जन्म लिया है और ऐसा उन्होंने अपने चेले (यीशु) के लिए रास्ता तैयार करने के लिए किया था।  


जॉन द बैपटिस्ट ने यीशु के बारे में कहा, "उसे बढ़ना चाहिए और मुझे कम होना चाहिए।"<ref>जॉन ३:३०।</ref> इसके बाद गुरु पीछे हट गए ताकि यीशु उस युग (मीन युग) में प्रभु का प्रभावशाली अवतार बन पाएं।
जॉन द बैपटिस्ट ने यीशु के बारे में कहा, "उसे बढ़ना चाहिए और मुझे कम होना चाहिए।"<ref>जॉन ३:३०।</ref> इसके बाद गुरु पीछे हट गए ताकि यीशु उस युग (मीन युग) में प्रभु का प्रभावशाली अवतार बन पाएं।
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