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मेरे प्रिय स्वाधीनता (Freedom) प्रेमी मित्रो: | मेरे प्रिय स्वाधीनता (Freedom) प्रेमी मित्रो: | ||
ये तीन चीज़ें इस समय की आवश्यकताएं हैं | ये तीन चीज़ें इस समय की आवश्यकताएं हैं: स्थिरता (constancy), समन्वय (loyalty) | ||
और निष्ठा (loyalty)। सदियों से मनुष्यों ने स्वर्ग की विपुलता का अनुभव किया है, और उतने ही समय से स्वर्ग के संसाधनों के उचित उपयोग के बारे में विचार-विमर्श और विवाद भी किया है। मनुष्यों के कारण ही पृथ्वी पर सतयुग का आने में विलम्ब हुआ है, इसमें ईश्वर की कोई गलती नहीं। आज ब्रह्मांडीय चक्र उस बिंदु पर है, जहाँ से इसका वापिस मुड़ना असंभव है। अब मानवजाति के लिए यह अत्यावश्यक है मनुष्यों में एकता बनी रहे और वे ईश्वरीय गुणों को अपने व्यक्तित्व में शीघ्रातिशीघ्र उतारें। | |||
परीक्षा और निर्णय की इस घड़ी में, मैं आपसे यह कहूंगा कि दिव्यगुरूओं द्वारा प्रायोजित गतिविधियों की प्रगति को बाधित करने से बड़ा कोई खतरा नहीं। परन्तु जब तक कि ईश्वर में विश्वास रखने वाले सद्पुरुष और स्त्रियां पृथ्वी पर मौजूद हैं, जो साथ मिलकर प्रेम से ईश्वर की इच्छा के अनुरूप कार्य करने को तत्पर हैं तब तक सतयुग के आने को कोई रोक नहीं सकता। | परीक्षा और निर्णय की इस घड़ी में, मैं आपसे यह कहूंगा कि दिव्यगुरूओं द्वारा प्रायोजित गतिविधियों की प्रगति को बाधित करने से बड़ा कोई खतरा नहीं। परन्तु जब तक कि ईश्वर में विश्वास रखने वाले सद्पुरुष और स्त्रियां पृथ्वी पर मौजूद हैं, जो साथ मिलकर प्रेम से ईश्वर की इच्छा के अनुरूप कार्य करने को तत्पर हैं तब तक सतयुग के आने को कोई रोक नहीं सकता। |
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