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हाल ही में दार्जिलिंग महासभा (Darjeeling Council) में मेरे मित्र और आपके मित्र दिव्यगुरु एल मोर्या ने एक आध्यात्मिक समुदाय के गठन की घोषणा की थी जिसके सभी सदस्य कंधे से कन्धा मिलाकर, दिमाग और दिल से, हमारे निर्देशन के अनुसार कार्य करने को तैयार हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले ये स्वैच्छिक समूह के लोग अगर चाहेंगे तो एल मोर्या के डायमंड हार्ट (Beloved Morya’s Diamond Heart) का एक हिस्सा बनेंगे। मैं उन सभी धन्य लोगों के दिलों से निकलने वाले प्रकाश से सम्मानित हूँ जिन्होंने गौरव और आनन्द के साथ लौ के पालक बनने का वास्तविक विशेषाधिकार स्वीकार किया है! | हाल ही में दार्जिलिंग महासभा (Darjeeling Council) में मेरे मित्र और आपके मित्र दिव्यगुरु एल मोर्या ने एक आध्यात्मिक समुदाय के गठन की घोषणा की थी जिसके सभी सदस्य कंधे से कन्धा मिलाकर, दिमाग और दिल से, हमारे निर्देशन के अनुसार कार्य करने को तैयार हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले ये स्वैच्छिक समूह के लोग अगर चाहेंगे तो एल मोर्या के डायमंड हार्ट (Beloved Morya’s Diamond Heart) का एक हिस्सा बनेंगे। मैं उन सभी धन्य लोगों के दिलों से निकलने वाले प्रकाश से सम्मानित हूँ जिन्होंने गौरव और आनन्द के साथ लौ के पालक बनने का वास्तविक विशेषाधिकार स्वीकार किया है! | ||
मेरे प्रियजनों, लाखों लोगों के पास आध्यात्मिक और शारीरिक संपत्ति है परन्तु केवल कुछ ने ही अपनी यह संपत्ति संभाल के रखी है। अगर हम पूर्ण विश्वास के साथ अविचल रूप से ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण कर पाएं तो बहुत अच्छा होगा। परन्तु इस मार्ग में उतार-चढ़ाव निहित है - अधोगामी रास्ता भी अच्छी नीयत से प्रशस्त हो सकता है। आपके जीवन को उत्तम बनाने के लिए हम हमेशा आपके साथ हैं और समय समय पर आपको ज्ञान और विवेक देते रहेंगे बशर्ते की आप इसे ईमानदारी से ग्रहण करें। ऐसा करने से ही मानवजाति और उसके साथ साथ पृथ्वी ग्रह की उन्नति संभव है। | मेरे प्रियजनों, लाखों लोगों के पास आध्यात्मिक और शारीरिक संपत्ति है परन्तु केवल कुछ लोगों ने ही अपनी यह संपत्ति संभाल के रखी है। अगर हम पूर्ण विश्वास के साथ अविचल रूप से ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण कर पाएं तो बहुत अच्छा होगा। परन्तु इस मार्ग में उतार-चढ़ाव निहित है - अधोगामी रास्ता भी अच्छी नीयत से प्रशस्त हो सकता है। आपके जीवन को उत्तम बनाने के लिए हम हमेशा आपके साथ हैं और समय समय पर आपको ज्ञान और विवेक देते रहेंगे बशर्ते की आप इसे ईमानदारी से ग्रहण करें। ऐसा करने से ही मानवजाति और उसके साथ साथ पृथ्वी ग्रह की उन्नति संभव है। | ||
पृथ्वी पर किसी भी संगठन का अस्तित्व उसके अनुयायियों की निष्ठां और समर्थन पर निर्भर है। देखा जाए तो हमारा संगठन भी कुछ इसी प्रकार का है पर मानवीय परियोजनाओं की अपेक्षा हमारी परियोजनाओं में एक बड़ा अन्तर यह है कि दिव्य प्रेम से कार्यान्वित की गयी हमारी परियोजनाएं सदैव अभिलषित प्रतिफल लाती हैं। अच्छे परिणाम लाने के लिए प्रगाढ़ निष्ठा और प्रेम की आवश्यकता है। | पृथ्वी पर किसी भी संगठन का अस्तित्व उसके अनुयायियों की निष्ठां और समर्थन पर निर्भर है। देखा जाए तो हमारा संगठन भी कुछ इसी प्रकार का है पर मानवीय परियोजनाओं की अपेक्षा हमारी परियोजनाओं में एक बड़ा अन्तर यह है कि दिव्य प्रेम से कार्यान्वित की गयी हमारी परियोजनाएं सदैव अभिलषित प्रतिफल लाती हैं। अच्छे परिणाम लाने के लिए प्रगाढ़ निष्ठा और प्रेम की आवश्यकता है। |
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