JaspalSoni
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RajKumari
Created page with "ब्रह्माण्ड की कल्पना एक व्यवस्थित, सामंजस्यपूर्ण, एवं जटिल स्व-समावेशी प्रणाली के रूप में की गयी है। समय और स्थान में जो कुछ भी मौजूद है - प्रकाश की तरंगें, पिंडों की ताकते..."
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