Translations:Body elemental/10/hi: Difference between revisions
(Created page with "जिस प्रकार हवा के मौलिक तत्व स्लिफ्स(slyphs) अग्नि के मौलिक तत्व सालामेंडर्स(Salamanders) पृथ्वी के मौलिक तत्व नोमस(Gnomes) और जल के मौलिक तत्व अनडाइंस(U...") |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
जिस प्रकार हवा के मौलिक तत्व [[Special:MyLanguage/sylph| | जिस प्रकार हवा के मौलिक तत्व [[Special:MyLanguage/sylph|सिल्फ्स]] (slyphs), अग्नि के मौलिक तत्व [[Special:MyLanguage/salamander|सैलामैंडर]] (Salamanders), पृथ्वी के मौलिक तत्व [[Special:MyLanguage/gnome|नोम्स]] (Gnomes) और जल के मौलिक तत्व [[Special:MyLanguage/undine|अनडाइंस]] (Undines) इस ग्रह के प्रदूषण से संक्रमित हो जाते हैं उसी प्रकार मानवता की [[Special:MyLanguage/mass consciousness|सामूहिक चेतना]] से इंसान के शरीर के मौलिक तत्व कमज़ोर हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति नकारात्मकता में जीता है तो उसके शरीर का मौलिक तत्व इस नकारात्मकता से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकता। अतः अस्वस्थ शरीर व्यक्ति के दूषित [[Special:MyLanguage/aura|आभामंडल]] तथा ईश्वर से उसकी दूरी की ओर इशारा करता है। अपनी आत्मिक चेतना से हमें सभी प्रकार की नकारात्मकता को स्वयं से दूर करना पड़ता है ताकि शरीर के मौलिक तत्व स्वतंत्रता से अपना काम कर पाएं। रोकथाम ही सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित इलाज है इसलिए मनुष्य को चाहिए की वह प्रतिदिन अपनी आत्मिक चेतना का आह्वाहन करे ताकि उसके शरीर का मौलिक तत्व बाह्य अतिक्रमण से सुरक्षित रहे। |
Latest revision as of 08:18, 9 November 2023
जिस प्रकार हवा के मौलिक तत्व सिल्फ्स (slyphs), अग्नि के मौलिक तत्व सैलामैंडर (Salamanders), पृथ्वी के मौलिक तत्व नोम्स (Gnomes) और जल के मौलिक तत्व अनडाइंस (Undines) इस ग्रह के प्रदूषण से संक्रमित हो जाते हैं उसी प्रकार मानवता की सामूहिक चेतना से इंसान के शरीर के मौलिक तत्व कमज़ोर हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति नकारात्मकता में जीता है तो उसके शरीर का मौलिक तत्व इस नकारात्मकता से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकता। अतः अस्वस्थ शरीर व्यक्ति के दूषित आभामंडल तथा ईश्वर से उसकी दूरी की ओर इशारा करता है। अपनी आत्मिक चेतना से हमें सभी प्रकार की नकारात्मकता को स्वयं से दूर करना पड़ता है ताकि शरीर के मौलिक तत्व स्वतंत्रता से अपना काम कर पाएं। रोकथाम ही सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित इलाज है इसलिए मनुष्य को चाहिए की वह प्रतिदिन अपनी आत्मिक चेतना का आह्वाहन करे ताकि उसके शरीर का मौलिक तत्व बाह्य अतिक्रमण से सुरक्षित रहे।