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चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित [[Special:MyLanguage/Tower of Babel|बेबल की मीनार]] का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ईश्वर के फैसले की [[Special:MyLanguage/ruby ray|रूबी किरण]] भी चामुएल के माध्यम से आई जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए लगे। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे <ref> | चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित [[Special:MyLanguage/Tower of Babel|बेबल की मीनार]] का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ईश्वर के फैसले की [[Special:MyLanguage/ruby ray|रूबी किरण]] भी चामुएल के माध्यम से आई जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए लगे। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे <ref>Gen। 11:1-9.</ref> सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया, भय ने क्रोध का रूप ले लिया - भगवान और उसके प्रतिकार करने वाले देवदूत के प्रति क्रोध। क्योंकि लोग अब एक-दूसरे के साथ बात नहीं कर सकते थे, वे बुराई करने की साजिश भी नहीं कर सकते थे। भिन्न भिन्न भाषाएँ होने की कारण समाज की बुराइयों को तेजी से फैलने में रोक लग गयी। तो हम ये कह सकते हैं कि ईश्वर का प्रेम मानवजाति को तब तक अलग रखता है जब तक कि वे प्रेम में पूर्णतया सिद्ध नहीं हो जाते। |
Revision as of 12:56, 30 November 2023
चामुएल वह महादेवदूत है जिन्होंने उन लोगों को भ्रमित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित बेबल की मीनार का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ईश्वर के फैसले की रूबी किरण भी चामुएल के माध्यम से आई जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए लगे। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे [1] सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया, भय ने क्रोध का रूप ले लिया - भगवान और उसके प्रतिकार करने वाले देवदूत के प्रति क्रोध। क्योंकि लोग अब एक-दूसरे के साथ बात नहीं कर सकते थे, वे बुराई करने की साजिश भी नहीं कर सकते थे। भिन्न भिन्न भाषाएँ होने की कारण समाज की बुराइयों को तेजी से फैलने में रोक लग गयी। तो हम ये कह सकते हैं कि ईश्वर का प्रेम मानवजाति को तब तक अलग रखता है जब तक कि वे प्रेम में पूर्णतया सिद्ध नहीं हो जाते।
- ↑ Gen। 11:1-9.