Translations:Brothers and Sisters of the Golden Robe/17/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
No edit summary
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेया]] के अधीन बोधिसत्व बन बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का रास्ता शब्द और कार्य - अल्फा और ओमेगा - की ब्रह्मांडीय चेतना का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों को आत्मसात कर लेते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेय]] के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की [[ब्रह्मांडीय चेतना]] का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
</blockquote>
</blockquote>

Latest revision as of 11:17, 24 December 2023

Information about message (contribute)
This message has no documentation. If you know where or how this message is used, you can help other translators by adding documentation to this message.
Message definition (Brothers and Sisters of the Golden Robe)
You see, beloved, to these brothers and sisters of the Golden Robe there are no idle thoughts or words or moments or feelings; for they are looking straight to the goal of becoming [[bodhisattva]]s under [[Maitreya]] and rising to the twelfth plane. May you also know that the key to the second ray is the continual internalization of the Word and the Work, the Alpha, the Omega, of the [[Cosmic Christ]]. It is the continual eating of the flesh and drinking of the blood of the [[Son of God]] that [these brothers and sisters] might have life and more life and more life [in them] until by the process of assimilation they are all of that oneness in Christ.<ref>Kuthumi, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
</blockquote>

देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे मैत्रेय के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की ब्रह्मांडीय चेतना का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।[1]

  1. कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” Pearls of Wisdom, vol. 32, no. 61.