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गौतम बुद्ध ने १ जनवरी १९८३ को ये | गौतम बुद्ध ने १ जनवरी १९८३ को ये बताया कि '''जो नौ बुद्ध नौ सौ साल से [[Special:MyLanguage/nirvana|निर्वाण]] (nirvana) में थे''' वे अब पृथ्वी पर नौ व्यक्तियों के ह्रदय में प्रवेश करने के लिए अपने प्रकाश की किरणों को नीचे उतार रहे हैं और अपनी [[Special:MyLanguage/Electronic Presence|इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति]] (Electronic Presence) के द्वारा ईश्वर के प्रति समर्पित हज़ारों लोगों के बलक्षेत्र (forcefield) में शामिल हो रहे हैं। गौतम बुद्ध ने यह [[Special:MyLanguage/dispensation|उपहार]] (dispensation) भी दिया कि ईश्वर के भक्तों द्वारा की गई प्रत्येक [[Special:MyLanguage/prayer|उपासना]] (prayer) और [[Special:MyLanguage/mantra|मंत्र]] (mantra) की शक्ति गौतम बुद्ध और उन नौ बुद्धों के ह्रदय की ऊर्जा से कई गुणा बढ़ जायगी। |
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गौतम बुद्ध ने १ जनवरी १९८३ को ये बताया कि जो नौ बुद्ध नौ सौ साल से निर्वाण (nirvana) में थे वे अब पृथ्वी पर नौ व्यक्तियों के ह्रदय में प्रवेश करने के लिए अपने प्रकाश की किरणों को नीचे उतार रहे हैं और अपनी इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति (Electronic Presence) के द्वारा ईश्वर के प्रति समर्पित हज़ारों लोगों के बलक्षेत्र (forcefield) में शामिल हो रहे हैं। गौतम बुद्ध ने यह उपहार (dispensation) भी दिया कि ईश्वर के भक्तों द्वारा की गई प्रत्येक उपासना (prayer) और मंत्र (mantra) की शक्ति गौतम बुद्ध और उन नौ बुद्धों के ह्रदय की ऊर्जा से कई गुणा बढ़ जायगी।