Causal body/hi: Difference between revisions

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प्रथम कारण का शरीर; आत्मा के स्तर पर [[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरूप]] के चारों ओर प्रकाश और चेतना के सात संकेंद्रित क्षेत्र हैं, जिनकी गति, पिछले सभी जन्मों में [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] द्वारा किए गए अच्छे कार्यों और बोले गए अच्छे शब्दों पर निर्भर करती है। कोई भी व्यक्ति अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मा]] को साक्षी रख अपने ईश्वरीय स्वरुप का आह्वाहन कर कारण शरीर से आध्यात्मिक संसाधन और सृजनात्मकता - प्रतिभा, तौर-तरीका, उपहार और मेधा - प्राप्त कर सकता है। ये सब पृथ्वी पर उसके द्वारा किये गए दृष्टांत-योग्य अच्छे कार्यों से एकत्रित होते हैं।  
प्रथम कारण अध्यात्मिक शरीर स्तर पर स्तिथ है जो  [[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरूप]] (I AM Presence) के चारों ओर प्रकाश और उच्च चेतना के सात संकेंद्रित गोला आकर (concentric spheres) द्वारा जिनकी गति शक्ति (momentums), पिछले सभी जन्मों में [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] (soul) द्वारा किए गए अच्छे कार्यों और बोले गए अच्छे शब्दों पर निर्भर करती है। कोई भी व्यक्ति अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मा]] (Christ Self) से एकीकरण करके  दिव्य आदेशों (decrees) के आह्वाहन द्वारा कारण शरीर से आध्यात्मिक संसाधन (spiritual resources) और सृजनात्मकता - प्रतिभा (creativity—talents), तौर-तरीका (graces), उपहार (gifts) और मेधा (understanding) - प्राप्त कर सकता है। यह सब गुण पृथ्वी पर मनुष्य द्वारा किये गए अच्छे कार्यों से एकत्रित होते हैं।  


कारण शरीर वह स्थान है जहाँ हम "स्वर्ग में खज़ाना जमा करते हैं"<ref>Matt. 6:19–21.</ref>—हमारी सच्ची पहचान की प्रत्येक अच्छी और उत्तम चीज़ का भंडारगृह है। साथ ही कारण शरीर के मण्डल उन सब चीज़ों के जन्मदाता हैं जिनके बारे में [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] ने कहा था, "मेरे पिता के घर में बहुत सारे बंगले हैं.... वहाँ मैं आपके लिए एक स्थान तैयार करने जाता हूँ.... मैं आपको लेने दोबारा आऊंगा, जहाँ मैं [अपने ईश्वरीय स्वरुप में अपनी काया के साथ] हो सकता हूँ, वहां आप भी हो सकते हैं।<ref>John 14:2, 3.</ref>
कारण शरीर वह स्थान है जहाँ हम "स्वर्ग में खज़ाना जमा करते हैं"<ref>Matt. 6:19–21.</ref>—यह हमारी सच्ची पहचान की प्रत्येक अच्छी और उत्तम वस्तु का भंडारगृह है। इसके अलावा, कारण शरीर की गोला आकार आकृतियों (spheres) में ईश्वर का निवास-स्थान है जिनके बारे में [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] ने कहा था, "मेरे पिता के घर में बहुत बहुत सारे भवन हैं.... वहाँ मैं आपके लिए एक स्थान तैयार करने जाता हूँ.... मैं आपको लेने दोबारा आऊंगा। वहाँ मैं अपने ईश्वरीय स्वरुप में हूँ, वहां आप भी हो सकते हैं।<ref>John 14:2, 3.</ref>


The causal body is the mansion, or habitation, of the Spirit of the [[I AM THAT I AM]] to which the soul returns through Christ Jesus and the individual Christ Self in the ritual of the [[ascension]]. The Causal Body as the star of each man’s individualization of the God Flame was referred to by [[Saint Paul|Paul]] when he said, “One star differeth from another star in glory.”<ref>I Cor. 15:41.</ref>
कारण शरीर आत्मा के [[Special:MyLanguage/I AM THAT I AM|ईश्वरीय स्वरुप]] (I AM THAT I AM) का निवास स्थान है,जहाँ जीवात्मा [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] (ascension) होने के बाद अपने इश्वरिये स्वरूप से दुबारा जुड़ जाती है। कारण शरीर मानो एक तारा है जो प्रत्येक मनुष्य में ईश्वरीय लौ का वैयक्तिकरण है जिसके बारे में संत पॉल (Saint Paul) ने कहा था, "एक तारे की महिमा दूसरे से भिन्न है"। ईश्वरीय लौ के प्रत्येक मनुष्य के वैयक्तिकरण के तारे (star) के रूप में कारण शरीर का उल्लेख [[Special:MyLanguage/Saint Paul|संत पॉल]] (Saint Paul) ने किया था, जब उन्होंने कहा था, "एक तारे (star) की महिमा दूसरे तारे से भिन्न होती है।<ref>I Cor. 15:41.</ref>


== See also ==
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== इसे भी देखिये ==


[[Chart of Your Divine Self]]
[[Special:MyLanguage/Chart of Your Divine Self|आपके दिव्य रूप का नक्शा]]


== Sources ==
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== स्रोत ==


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<references />
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Latest revision as of 12:24, 31 December 2023

caption
आपके दिव्य स्वरुप का लेखाचित्र

प्रथम कारण अध्यात्मिक शरीर स्तर पर स्तिथ है जो ईश्वरीय स्वरूप (I AM Presence) के चारों ओर प्रकाश और उच्च चेतना के सात संकेंद्रित गोला आकर (concentric spheres) द्वारा जिनकी गति शक्ति (momentums), पिछले सभी जन्मों में जीवात्मा (soul) द्वारा किए गए अच्छे कार्यों और बोले गए अच्छे शब्दों पर निर्भर करती है। कोई भी व्यक्ति अपनी आत्मा (Christ Self) से एकीकरण करके दिव्य आदेशों (decrees) के आह्वाहन द्वारा कारण शरीर से आध्यात्मिक संसाधन (spiritual resources) और सृजनात्मकता - प्रतिभा (creativity—talents), तौर-तरीका (graces), उपहार (gifts) और मेधा (understanding) - प्राप्त कर सकता है। यह सब गुण पृथ्वी पर मनुष्य द्वारा किये गए अच्छे कार्यों से एकत्रित होते हैं।

कारण शरीर वह स्थान है जहाँ हम "स्वर्ग में खज़ाना जमा करते हैं"[1]—यह हमारी सच्ची पहचान की प्रत्येक अच्छी और उत्तम वस्तु का भंडारगृह है। इसके अलावा, कारण शरीर की गोला आकार आकृतियों (spheres) में ईश्वर का निवास-स्थान है जिनके बारे में ईसा मसीह ने कहा था, "मेरे पिता के घर में बहुत बहुत सारे भवन हैं.... वहाँ मैं आपके लिए एक स्थान तैयार करने जाता हूँ.... मैं आपको लेने दोबारा आऊंगा। वहाँ मैं अपने ईश्वरीय स्वरुप में हूँ, वहां आप भी हो सकते हैं।[2]

कारण शरीर आत्मा के ईश्वरीय स्वरुप (I AM THAT I AM) का निवास स्थान है,जहाँ जीवात्मा आध्यात्मिक उत्थान (ascension) होने के बाद अपने इश्वरिये स्वरूप से दुबारा जुड़ जाती है। कारण शरीर मानो एक तारा है जो प्रत्येक मनुष्य में ईश्वरीय लौ का वैयक्तिकरण है जिसके बारे में संत पॉल (Saint Paul) ने कहा था, "एक तारे की महिमा दूसरे से भिन्न है"। ईश्वरीय लौ के प्रत्येक मनुष्य के वैयक्तिकरण के तारे (star) के रूप में कारण शरीर का उल्लेख संत पॉल (Saint Paul) ने किया था, जब उन्होंने कहा था, "एक तारे (star) की महिमा दूसरे तारे से भिन्न होती है।[3]

इसे भी देखिये

आपके दिव्य रूप का नक्शा

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

  1. Matt. 6:19–21.
  2. John 14:2, 3.
  3. I Cor. 15:41.