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Cave of Symbols/hi: Difference between revisions

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=== प्रकाश का क्षेत्र (The Sphere of Light) ===
=== प्रकाश का क्षेत्र (The Sphere of Light) ===


दर्शक दीर्घा के दूर के छोर पर, एक छिपे हुए दरवाजे के माध्यम से, व्यक्ति प्रकाश के क्षेत्र में प्रवेश करता है। यह एक गोल कमरा है जहां पवित्र अग्नि का ध्यान अंदर आने वाले शिष्यों के भीतर प्रकाश के विस्तार को तेज करने के लिए किया जाता है। इस कमरे के कार्य के परस्पर सम्बन्ध भारत के  [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|महान दिव्य निर्देशक]] (Great Divine Director) के प्रभार में प्रकाश की गुफा में प्रकाश की क्रिया से है। परमाणु त्वरक के साथ मिलकर ये केंद्र शिष्यों को उनके आध्यात्मिक उत्थान के समीप लाने और उन्हें उस प्रक्रिया को तेज करने में सहायता प्रदान करने का काम करते हैं जो बाहरी दुनिया में प्राप्त नहीं की जा सकी थी।
दर्शक कक्ष के दूर के छोर पर, एक छिपे हुए दरवाजे से, व्यक्ति प्रकाश के वृत्त (Sphere) में प्रवेश करता है। यह एक गोल कमरा है जहां पवित्र अग्नि पर ध्यान केंद्रित करने से (focus) कमरे में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का प्रकाश बढ़ जाता है। प्रकाश की गुफा का निर्देशन भारत के  [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|महान दिव्य निर्देशक]] (Great Divine Director) करते हैं। आणविक गति वर्धक (Atomic Accelerator) और प्रतीकों की गुफा के अन्य केंद्रों के द्वारा दिव्यगुरू शिष्यों को उनके आध्यात्मिक उत्थान के समीप लाने और उन्हें उस प्रक्रिया को तेज करने में सहायता प्रदान करते हैं जो वे बाहरी दुनिया में नहीं प्राप्त कर सकते।


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== रिट्रीट में भाग लेना ==
==आश्रयस्थल (retreat) में भाग लेना ==


इस आश्रय स्थल में ब्रह्मांडीय दर्पण के सामने खड़ा होना एक बहुत ही वास्तविक और जीवंत अनुभव है। शिष्य को सभी प्रकार के भ्रम और कल्पनाओं सहित अपने कृत्रिम स्वरुप को देखने के लिए तैयार रहना होगा। उसे स्वयं की धोखाधड़ी को भी स्वीकार करना होगा जो अंहकार-वश वह स्वयं अपनी जीवात्मा के खिलाफ करता रहा है। भगवान से कुछ भी छुपाना संभव नहीं है। जो निष्कपट शिष्य इन भ्रमों से छुटकारा पाना चाहते हैं, वे ब्रह्मांडीय दर्पण के सामने खड़े होने के लिए संत जर्मेन को पुकार सकते हैं।  
इस आश्रय स्थल में ब्रह्मांडीय दर्पण के सामने खड़ा होना एक बहुत ही वास्तविक और जीवंत अनुभव है। शिष्य को सभी प्रकार के भ्रम और कल्पनाओं सहित अपने अवास्तविक स्वरुप को देखने के लिए तैयार रहना चाहिए। उसे स्वयं की धोखाधड़ी को भी स्वीकार करना होगा जो अंहकार में स्वयं को धोखा देता रहा है। भगवान से कुछ भी छुपाना संभव नहीं है। जो निष्कपट (sincere) शिष्य इन भ्रमों से छुटकारा पाना चाहते हैं, वे ब्रह्मांडीय दर्पण के सामने खड़े होने के लिए संत जरमेन से प्रार्थना कर सकते हैं।  


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