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Chart of Your Divine Self/hi: Difference between revisions

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== निचली आकृति ==
== निचली आकृति ==


मानचित्र में निचली आकृति आप स्वयं है - ईश्वर के साथ पुनर्मिलन के मार्ग पर एक शिष्य के रूप में। यह आपकी जीवात्मा है जो अपने कर्मो को संतुलित करके अपनी दिव्य योजना को पूरा करने के लिए [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीरों]] (four lower bodies) का उपयोग करके पदार्थ (Matter) के विभिन्न स्तरों पर विकसित हो रही है।  [[Special:MyLanguage/Etheric body|आकाशीय]] (Etheric body); [[Special:MyLanguage/mental body|मानसिक]] (mental body); [[Special:MyLanguage/desire, or emotional body|भावात्मक]] (emotional body) और [[Special:MyLanguage/physical body|भौतिक]] (physical body) हमारे चार निचले शरीर हैं।
मानचित्र में निचली आकृति आप स्वयं है - ईश्वर के साथ पुनर्मिलन के मार्ग पर एक शिष्य के रूप में। यह आपकी जीवात्मा है जो अपने कर्मो को संतुलित करके अपनी दिव्य योजना को पूरा करने के लिए [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीरों]] (four lower bodies) का उपयोग करके पदार्थ (Matter) के विभिन्न स्तरों पर विकसित हो रही है।  [[Special:MyLanguage/Etheric body|आकाशीय]] (Etheric body); [[Special:MyLanguage/mental body|मानसिक]] (mental body); [[Special:MyLanguage/emotional body|भावात्मक]] (emotional body) और [[Special:MyLanguage/physical body|भौतिक]] (physical body) हमारे चार निचले शरीर हैं।


निचली आकृति एक [[Special:MyLanguage/tube of light|प्रकाश की टयूब]] (tube of light) से घिरी हुई है - जब आप प्रार्थना करते हैं तो उत्तर में ईश्वरीय स्वरुप के हृदय श्वेत प्रकाश के रूप में प्रस्तावित (project) होती है। यह श्वेत प्रकाश का एक सिलेंडर है जो 24 घंटे आपके आसपास सुरक्षा का बल क्षेत्र बनाए रखता है। यह सुरक्षा तभी मिलती है जब आप अपने विचार, भावना, शब्द और कर्म में सामंजस्य (harmony) बनाए रखते हैं।
निचली आकृति एक [[Special:MyLanguage/tube of light|प्रकाश की टयूब]] (tube of light) से घिरी हुई है - जब आप प्रार्थना करते हैं तो उत्तर में ईश्वरीय स्वरुप के हृदय श्वेत प्रकाश के रूप में प्रस्तावित (project) होती है। यह श्वेत प्रकाश का एक सिलेंडर है जो 24 घंटे आपके आसपास सुरक्षा का बल क्षेत्र बनाए रखता है। यह सुरक्षा तभी मिलती है जब आप अपने विचार, भावना, शब्द और कर्म में सामंजस्य (harmony) बनाए रखते हैं।


[[Special:MyLanguage/secret chamber of your heart|आपके हृदय का गुप्त कक्ष]] (secret chamber of your heart) [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) का शांति स्थल है। यह आपके ईश्वरीय स्वरुप द्वारा दी गयी  दिव्य चिंगारी (divine spark), चेतना, ईश्वरीय इच्छा (free will) और जीवन का उपहार है। आपकी त्रिज्योति लौ में निहित ईश्वरीय प्रेम, ज्ञान-विवेक और शक्ति के माध्यम से आपकी जीव-आत्मा पृथ्वी पर रहने के अपने उद्देश्य को पूरा कर सकती है। इसे चैतन्य लौ, लिबर्टी की लौ (liberty flame) और फ़्लूर-डी-लिस (fleur-de-lis) भी कहा जाता है। त्रिज्योति लौ जीव-आत्मा में दिव्यता की चिंगारी और [[Special:MyLanguage/Christhood|ईश्वरत्व]] पाने के लिए आत्मा की सामर्थता है।
[[Special:MyLanguage/secret chamber of the heart|आपके हृदय का गुप्त कक्ष]] (secret chamber of your heart) [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) का शांति स्थल है। यह आपके ईश्वरीय स्वरुप द्वारा दी गयी  दिव्य चिंगारी (divine spark), चेतना, ईश्वरीय इच्छा (free will) और जीवन का उपहार है। आपकी त्रिज्योति लौ में निहित ईश्वरीय प्रेम, ज्ञान-विवेक और शक्ति के माध्यम से आपकी जीव-आत्मा पृथ्वी पर रहने के अपने उद्देश्य को पूरा कर सकती है। इसे चैतन्य लौ, लिबर्टी की लौ (liberty flame) और फ़्लूर-डी-लिस (fleur-de-lis) भी कहा जाता है। त्रिज्योति लौ जीव-आत्मा में दिव्यता की चिंगारी और [[Special:MyLanguage/Christhood|ईश्वरत्व]] पाने के लिए आत्मा की सामर्थता है।


निचली आकृति [[Special:MyLanguage/son of man|मनुष्यों]] में प्रकाश के गुणों को उसके अपने "[[Special:MyLanguage/Tree of Life|जीवन के वृक्ष]] (Causal body or Tree of Life) के तले विकसित होने के बारे में बताती है"। निचली आकृति पवित्र आत्मा से मेल खाती है - ऐसा इसलिए क्योंकि जीवात्मा और चार निचले शरीर पवित्र आत्मा का मंदिर माने जाते हैं। [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] पवित्र आत्मा की आध्यात्मिक अग्नि है जो आत्मा को शुद्ध करके ढक लेती है। आप अपनी कल्पना में स्वयं को वायलेट लौ से घिरे हुए देखें। अपने चार निचले शरीरों को शुद्ध करने के लिए - अपने ईश्वरीय स्वरुप और पवित्र आत्मिक स्व के नाम पर - आप प्रतिदिन वायलेट लौ का आह्वाहन कर सकते हैं। इससे आपके नकारात्मक विचार, भावनाएं और कर्म धीरे-धीरे कम होने लगेंगे और [[Special:MyLanguage/alchemical marriage|जीवात्मा के आत्मा से मिलन]] की प्रक्रिया को बढ़ोतरी मिलेगी।
निचली आकृति [[Special:MyLanguage/son of man|मनुष्य]] में प्रकाश के गुणों को अपने "[[Special:MyLanguage/Tree of Life|जीवन के वृक्ष]] (Causal body or Tree of Life) के तले विकसित होने के बारे में बताती है"। निचली आकृति जीव-आत्मा है जो आत्मा का ही रूप है - ऐसा इसलिए क्योंकि जीवात्मा और चार निचले शरीर ईश्वर का मंदिर माने जाते हैं। [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] ईश्वर की आध्यात्मिक अग्नि है जो जीवात्मा को शुद्ध करके अपने में समेट लेती है। आप अपनी कल्पना में स्वयं को खड़ी अवस्था में वायलेट लौ से घिरे हुए देखें। अपने चार निचले शरीरों को शुद्ध करने के लिए - अपने ईश्वरीय स्वरुप और उच्च चेतना को जागृत करके आप प्रतिदिन वायलेट लौ का आह्वाहन कर सकते हैं। इससे आपके नकारात्मक विचार, भावनाएं और कर्म धीरे-धीरे नष्ट होने लगेंगे और [[Special:MyLanguage/alchemical marriage|जीवात्मा के आत्मा से मिलन]] की प्रक्रिया को बढ़ोतरी मिलेगी।


<span id="The_crystal_cord"></span>
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== क्रिस्टल कॉर्ड ==
== क्रिस्टल की डोर ==


{{Main-hi|Crystal cord|क्रिस्टल कॉर्ड}}
{{Main-hi|Crystal cord|क्रिस्टल कॉर्ड}}


चांदी (या क्रिस्टल) की डोरी जीवन की धारा, या "जीवनधारा" है, जो पालन-पोषण के लिए पवित्र आत्मिक स्व के माध्यम से, सात चक्रों और हृदय के गुप्त कक्ष से होती हुई, ईश्वरीय स्वरुप के हृदय से जीवात्मा और उसके चार निचले शरीरों में उतरती है। इस "नाभि रज्जु" के ऊपर ही ईश्वरीय स्वरुप की उपस्थिति का प्रकाश - जो सिर के  शीर्ष स्थल [[Special:MyLanguage/crown chakra|सहस्त्रार चक्र]] से मनुष्य के अस्तित्व में प्रवेश करता है - प्रवाहित होता है। यही हृदय के गुप्त कक्ष में स्थित त्रिदेव ज्योत को स्पंदन के लिए प्रेरणा भी देता है।
चांदी (या क्रिस्टल) की डोर, जीवन की धारा, या "जीवनधारा" है, ईश्वरीय स्वरुप के हृदय और उच्च चेतना के माध्यम से, सात चक्रों और हृदय के गुप्त कक्ष से होती हुई, जीवात्मा और उसके चार निचले शरीरों के पालन-पोषण (nourishment) के लिए उतरती है। इस "नाभि रज्जु" (umbilical cord) के द्वारा ही ईश्वरीय स्वरुप का प्रकाश  
[[Special:MyLanguage/crown chakra|सहस्त्रार चक्र]] (crown chakra) से मनुष्य के अस्तित्व में प्रवेश करता है और प्रवाहित होता है। यही प्रकाश हृदय के गुप्त कक्ष में स्थित त्रिज्योति लौ को स्पंदन के लिए प्रेरणा भी देता है।


ईसा मसीह के सिर के ठीक ऊपर पवित्र आत्मा का कबूतर दिखाया गया है जो पिता-माता परमेश्वर के आशीर्वाद से उतर रहा है। जब आपकी जीवात्मा का आत्मा से मिलन हो जाता है तो वह पवित्र आत्मा दीक्षा के लिए तैयार होती है। और वह पिता-माता भगवान को यह कहते हुए सुन सकती है: "यह मेरा प्रिय पुत्र है जिससे मैं बहुत प्रसन्न हूं।<ref>Matt. 3:17.</ref>
उच्च चेतना की आकृति  के ऊपर ईश्वरीय ऊर्जा फ़ाख़ता (dove) के रूप उतरती हुई दिखाई गयी है जो हमारे माता- पिता परमेश्वर के आशीर्वाद का प्रतीक है। जब आपकी जीवात्मा का आत्मा से पुनर्मिलन होता है तब वह आत्मा में पूर्णतः समा जाती है और वह पिता-माता परमेश्वर को यह कहते हुए सुन सकती है: "यह मेरा प्रिय पुत्र है जिससे मैं बहुत प्रसन्न हूं।"<ref>Matt. 3:17.</ref>


<span id="The_evolution_of_the_soul"></span>
<span id="The_evolution_of_the_soul"></span>
== जीवात्मा का विकास ==
== जीवात्मा का विकास ==


जब जीवात्मा पृथ्वी पर अपना जीवनकाल समाप्त कर लेती है, तो ईश्वरीय स्वरूप चांदी क्रिस्टल कॉर्ड को वापस ले लेती है, जिसके बाद त्रिदेव ज्योत आपके पवित्र आत्मिक स्व के हृदय में लौट आती है। इसके बाद आकाशीय परिधान में लिपटी हुई आत्मा चेतना के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ती है, जिसे उसने अपने पिछले सभी जन्मों में प्राप्त किया है। जन्मों के बीच उसे [[Special:MyLanguage/etheric retreat|आकाशीय आश्रय स्थल]] में शिक्षा दी जाती है। अपने अंतिम जन्म के बाद वह ईश्वर में मिल जाएगी और फिर कभी जन्म नहीं लेगी।
जब जीवात्मा पृथ्वी पर अपना जीवनकाल समाप्त कर लेती है, तो ईश्वरीय स्वरूप चांदी की क्रिस्टल डोर को वापस ले लेती है, जिसके बाद त्रिज्योति लौ आपके उच्च चेतना के हृदय में लौट आती है। इसके बाद आकाशीय परिधान (etheric garment) में लिपटी हुई जीव-आत्मा चेतना के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ती है, जिसे उसने अपने पिछले सभी जन्मों में प्राप्त किया है। उन जन्मों के बीच उसे [[Special:MyLanguage/etheric retreat|आकाशीय आश्रय स्थलों]] में शिक्षा दी जाती है। अपने अंतिम जन्म के बाद वह ईश्वर से  मिल जाती है और फिर कभी जन्म नहीं लेती।


जीवात्मा अस्तित्व का गैर-स्थायी पहलू है, जिसे [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] की प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी बनाते हैं। इस प्रक्रिया के द्वारा आत्मा अपने कर्म को संतुलित करती है, अपने पवित्र आत्मिक स्व के साथ जुड़ती है, अपनी दिव्य योजना को पूरा करती है और अंत में अहम् ब्रह्मास्मि की जीवित उपस्थिति में लौट आती है। इस प्रकार उसके पदार्थ ब्रह्मांड में जाने का चक्र पूरा हो जाता है। ईश्वर के साथ मिलन प्राप्त करके वह ईश्वर के शरीर में एक स्थायी परमाणु बन अविनाशी हो जाती है। इस तरह हम ये कह सकते हैं की आपके दिव्य रूप का नक्शा आपके अतीत, वर्तमान और भविष्य का मानचित्र है।
आपकी जीवात्मा आपके अस्तित्व का गैर-स्थायी पहलू है, जिसे आप [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] की प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी बनाते हैं। इस प्रक्रिया के द्वारा जीवात्मा अपने कर्मों को संतुलित करती है, अपनी उच्च- चेतना के साथ जुड़ती है, अपनी दिव्य योजना को पूरा करती है और अंत में अहम् ब्रह्मास्मि की जीवित उपस्थिति में लौट आती है। इस प्रकार उसके पदार्थ ब्रह्मांड (Matter Cosmos) में जाने का चक्र पूरा हो जाता है। ईश्वर के साथ मिलन प्राप्त करके वह ईश्वर के शरीर में एक स्थायी परमाणु बन अविनाशी हो जाती है। इस तरह हम यह कह सकते हैं की आपके दिव्य रूप का मानचित्र आपके अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाता है।


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