Translations:Lemuria/20/hi: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा मानो अन्धकार ने प्रकाश को पूरी तरह से घेर लिया हो। मानवजाति के बदले स्वरुप को देख ब्रह्मांडीय परिषदों ने पृथ्वी ग्रह को भंग करने का निर्णय लिया - इस ग्रह पर लोगों ने भगवान का पूरी तरह से त्याग कर दिया था। अगर [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] ने उस समय हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह ग्रह नष्ट ही हो जाता। पृथ्वी पर प्रकाश का संतुलन तथा मनुष्यों की ओर से लौ बनाये रखने के लिए सनत कुमार ने अपने ग्रह हेस्पेरस ([[Special:MyLanguage/Venus|शुक्र]]) को त्याग पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने तब तक पृथ्वी पर रहने का प्राण लिया जब तक कि मानव जाति अपने पूर्वजों के शुद्ध और निष्कलंक धर्म <ref>जेम्स १:२७.</ref> का | कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा मानो अन्धकार ने प्रकाश को पूरी तरह से घेर लिया हो। मानवजाति के बदले स्वरुप को देख ब्रह्मांडीय परिषदों ने पृथ्वी ग्रह को भंग करने का निर्णय लिया - इस ग्रह पर लोगों ने भगवान का पूरी तरह से त्याग कर दिया था। अगर [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] ने उस समय हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह ग्रह नष्ट ही हो जाता। पृथ्वी पर प्रकाश का संतुलन तथा मनुष्यों की ओर से लौ बनाये रखने के लिए सनत कुमार ने अपने ग्रह हेस्पेरस ([[Special:MyLanguage/Venus|शुक्र]]) को त्याग पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने तब तक पृथ्वी पर रहने का प्राण लिया जब तक कि मानव जाति अपने पूर्वजों के शुद्ध और निष्कलंक धर्म <ref>जेम्स १:२७.</ref> का अनुसरण करना पुनः शुरू नहीं करती। |
Latest revision as of 17:01, 30 July 2024
कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा मानो अन्धकार ने प्रकाश को पूरी तरह से घेर लिया हो। मानवजाति के बदले स्वरुप को देख ब्रह्मांडीय परिषदों ने पृथ्वी ग्रह को भंग करने का निर्णय लिया - इस ग्रह पर लोगों ने भगवान का पूरी तरह से त्याग कर दिया था। अगर सनत कुमार ने उस समय हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह ग्रह नष्ट ही हो जाता। पृथ्वी पर प्रकाश का संतुलन तथा मनुष्यों की ओर से लौ बनाये रखने के लिए सनत कुमार ने अपने ग्रह हेस्पेरस (शुक्र) को त्याग पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने तब तक पृथ्वी पर रहने का प्राण लिया जब तक कि मानव जाति अपने पूर्वजों के शुद्ध और निष्कलंक धर्म [1] का अनुसरण करना पुनः शुरू नहीं करती।
- ↑ जेम्स १:२७.