Translations:Goddess of Liberty/43/hi: Difference between revisions

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इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च-चेतना]] के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया।
इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च-चेतना]] के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है।

Latest revision as of 08:33, 11 November 2024

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Message definition (Goddess of Liberty)
Therefore, I carry the Book of the Law that represents not alone the Constitution but the divine document citing the divine rights of the sons of God upon this planetary home. And it remains for you to distill from my heart through your [[Christ Self]] what are those divine rights so that you may come to understand that every line of the Constitution does reflect an inner divine right which has been made applicable to the human scene of karma, of the building of a nation, and of the dealing with the economy and the settling of old scores with the fallen ones.

इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी उच्च-चेतना के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है।