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<ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref> | <ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref> | ||
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] का एक मुकुट पहनती है, जो [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहिम]] (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Henry Wadsworth Longfellow|हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो]] (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"<ref>हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. | स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] का एक मुकुट पहनती है, जो [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहिम]] (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Henry Wadsworth Longfellow|हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो]] (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"<ref>हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. (Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.)</ref> | ||
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/World Mother| जगत माता]] के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है। | स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/World Mother| जगत माता]] के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है। | ||
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स्वाधीनता की देवी ने कहा है: | स्वाधीनता की देवी ने कहा है: | ||
<blockquote>जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों के मंत्र का | <blockquote>जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों (bodhisattvas) के मंत्र का जाप करती हूँ - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। मैं यहां इसलिए खड़ी हूं क्योंकि मैं अपनी गुरु [[Special:MyLanguage/Vesta|वेस्टा]] (Vesta) के मंत्र पर पूरा विश्वास रखती हूँ। वेस्टा सूर्य के प्रकाश में प्रकाशमान हैं और अपने गुरु के मंत्र को दोहराते हैं - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। जब आप इस बात को पूरी तरह से समझ लेंगे तो आप असफल नहीं होंगे, क्योंकि माँ के करुणामई नेत्र इतने कोमल और शुद्ध हैं कि वे अपने पैरों के नीचे की जीवन तरंगों को देखती हैं, और सत्य जान लेती हैं। अब यह सब आप पर निर्भर है, मेरे बच्चो, उठो निष्पक्षता (objectivity) के मार्ग पर चलो और सूर्य से सुसज्जित स्वाधीनता की देवी की तरह बनो।<ref>स्वाधीनता की देवी, ६ दिसंबर, १९७९।</ref></blockquote> | ||
स्वाधीनता की देवी ने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि एक हजार लोग दिव्य आदेशों (decrees) का उच्चारण करें। मेरी यह प्रार्थना है कि स्वाधीनता की देवी दिव्य गुरुओं के शिष्यों को मनुष्यों के ह्रदय में स्थित ईश्वर से महान प्रेम के द्वारा जुड़ने की प्रेणना दें। | |||
<span id="A_dispensation_of_her_Electronic_Presence_with_us"></span> | <span id="A_dispensation_of_her_Electronic_Presence_with_us"></span> | ||
== हमारे साथ देवी की | == हमारे साथ देवी की आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) का प्रकाश रुपी उपहार == | ||
१० अगस्त १९८५ को, [[Special:MyLanguage/Inner Retreat| | १० अगस्त १९८५ को, [[Special:MyLanguage/Inner Retreat|आंतरिक आश्रय स्थल]] (Inner Retreat) में स्वाधीनता की देवी ने दिव्य वाणी में कहा था: | ||
मैं [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]] के दिल की खुशी | <blockquote>मैं [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]] के दिल की खुशी से विदा लेती हूँ लेकिन मैं अपनी अपने ज्ञान की मशाल गुरु माँ के पास तुम्हारे लिए छोड़ कर जाती हूँ। यह मशाल एक आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) के रूप में तब तक यहाँ रहेगी जब तक शिष्य मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करना और मेरी ज्ञान की मशाल को ऊँचा उठा के रखना शिष्यों की इच्छा को दर्शाता है। ऐसा तब तक होगा जब तक कि जगत माता का मिशन पूरा न हो जाए और पृथ्वी के सब लोग जो इस प्रकाश रुपी उपहार में बुलाए गए हैं, जब तक घर वापस नहीं आ जाते। | ||
<ref>स्वाधीनता की देवी, "आवर ओरिजिन इन द हार्ट ऑफ़ लिबर्टी," {{POWref|२८|४५|, १० नवंबर, १९८५}} (The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” {{POWref|28|45|, November 10, 1985}})</ref></blockquote> | |||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> | ||
== इसे भी देखिये == | == इसे भी देखिये == | ||
[[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य का मंदिर]] | [[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य का मंदिर]] (Temple of the Sun) | ||
[[Special:MyLanguage/Statue of Liberty| | [[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty) | ||
<span id="Sources"></span> | <span id="Sources"></span> |