7,316
edits
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
आत्मज्ञान (enlightenment), शांति (peace) और सद्भाव (harmony) का एक ऐसा चक्र जिसमें मानव जाति की जीवात्माएं ईश्वर की दिव्य योजना की "जैसा ऊपर (आकाशीय स्तर), वैसा नीचे (भौतिक स्तर)" पूर्ति करने के लिए दिव्य लौ में विलीन हो जाती हैं। मानव के आकाशीय शरीर का अन्य तीन शरीरों के साथ मिलना, जब ऐसा होगा तो दिव्य चेतना, जो | आत्मज्ञान (enlightenment), शांति (peace) और सद्भाव (harmony) का एक ऐसा चक्र जिसमें मानव जाति की जीवात्माएं ईश्वर की दिव्य योजना की "जैसा ऊपर (आकाशीय स्तर), वैसा नीचे (भौतिक स्तर)" पूर्ति करने के लिए दिव्य लौ में विलीन हो जाती हैं। मानव के आकाशीय शरीर का अन्य तीन शरीरों के साथ मिलना, जब ऐसा होगा तो दिव्य चेतना, जो अभी आकाशीय स्तर पर है, धरती पर उतर आएगा। |
edits