Lucifer/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
(Created page with "मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।")
No edit summary
Tags: Mobile edit Mobile web edit
 
(69 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 4: Line 4:
{{False hierarchy/hi}}
{{False hierarchy/hi}}


लूसिफ़र शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "प्रकाश-वाहक"। इन्होनें अपने अच्छे कर्मों से [[महादेवदूत]] का पद हासिल किया परन्तु फिर अत्यधिक घमंड, महत्वाकांक्षा और [[Special:MyLanguage/Sons of God|ईश्वर के पुत्रों]], [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहीम]] और [[Special:MyLanguage/Shekinah|शकीना]] (ईश्वर के रहने का स्थान) से भी ऊपर होने की इच्छा रखने के कारण पथभ्रष्ट हो स्वयं ईश्वर से ही टक्कर ले बैठे। "भोर के पुत्र हे लूसिफ़र आप स्वर्ग से कैसे गिर गए!<ref>ईसा १४:12.</ref>
लूसिफ़र शब्द लैटिन (Latin) भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "प्रकाश-वाहक"। उन्होंने अपने अच्छे कर्मों से [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] (archangel) का पद प्राप्त किया परन्तु फिर अत्यधिक घमंड, महत्वाकांक्षा और [[Special:MyLanguage/Sons of God|ईश्वर के पुत्रों]] (Sons of God), [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहीम]] (Elohim) और [[Special:MyLanguage/Shekinah|शकीना]] [Shekinah (ईश्वर के प्रकाश)] से भी अधिक  होने की इच्छा रखने के कारण पथभ्रष्ट हो स्वयं ईश्वर का ही प्रतिरोध किया। "भोर के पुत्र हे लूसिफ़र आप स्वर्ग समझ से कैसे दूर चले गए!"<ref>आईज़ेया १४:12.</ref> (How art thou fallen from heaven, O Lucifer, son of the morning!)


ब्रह्मांडीय [[Special:MyLanguage/dweller-on-the-threshold|दहलीज पर रहने वाले दुष्ट]] का मूलरूप  
ब्रह्मांडीय [[Special:MyLanguage/dweller-on-the-threshold|दहलीज पर रहने वाले दुष्ट]] (dweller-on-the-threshold) का मूलरूप  


[[Special:MyLanguage/Antichrist|चेतना का शत्रु]]  
[[Special:MyLanguage/Antichrist|चेतना का शत्रु]] (Antichrist)


<span id="The_fallen_angels"></span>
<span id="The_fallen_angels"></span>
== पथभ्रष्ट देवदूत ==
== पथभ्रष्ट देवदूत (The fallen angels) ==


आईज़ेया १४:१२-१७ में लूसिफ़र द्वारा सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध युद्ध की घोषणा का विवरण है:
आईज़ेया १४:१२-१७ में लूसिफ़र द्वारा सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध युद्ध की घोषणा का विवरण है:
(Isaiah 14:12–17 provides the scriptural account of Lucifer’s declaration of war against Almighty God and his Christ)


<blockquote>भोर के पुत्र लूसिफ़र, आप स्वर्ग से कैसे गिर गए! आप पथभ्रष्ट कैसे हो गए! आपके पथभ्रष्ट होने के कारण कई देश कमज़ोर हो गए!
<blockquote>
भोर के पुत्र लूसिफ़र (Lucifer, son of the morning!), आप स्वर्ग से कैसे गिर गए! आप पथभ्रष्ट कैसे हो गए! आपके पथभ्रष्ट होने के कारण कई देश कमज़ोर हो गए!


क्योंकि आपने अपने मन में कहा था कि मैं स्वर्ग में जाऊँगा, और अपना सिंहासन परमेश्वर के तारागणों से भी अधिक ऊँचे स्थान पर रखूँगा; कि मैं मंडलीय पर्वत पर उत्तर दिशा में बैठूंगा।
क्योंकि आपने अपने मन में कहा था कि मैं स्वर्ग में जाऊँगा, और अपना सिंहासन परमेश्वर के तारागणों से भी अधिक ऊँचे स्थान पर रखूँगा; कि मैं मंडलीय (congregation) पर्वत पर उत्तर दिशा में बैठूंगा।


मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।
मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।


Yet thou shalt be brought down to hell, to the sides of the pit.
इसके बावजूद आप नरक में लाये गए ।


They that see thee shall narrowly look upon thee, and consider thee, saying, Is this the man that made the earth to tremble, that did shake kingdoms;
जो भी लोग आपको ध्यान से देखेंगे वे सोचेंगे कि क्या यह वही हैं जिस के कारण पृय्वी का प्रत्येक देश कांप गया था।


That made the world as a wilderness, and destroyed the cities thereof; that opened not the house of his prisoners?</blockquote>
वह जिसने विश्व के आबादी वाले शहरों को एक वीरान जंगल में  बदल दिया था; वह जो अपने कैदियों के घर खोल नहीं सका?
</blockquote>


[[Sanat Kumara]] speaks of the angels that followed Lucifer in the [[Great Rebellion]]:
इसके बाद [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] (Sanat Kumara) उन देवदूतों की बात करते हैं जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Great Rebellion|बहुत बड़े विद्रोह]] (Great Rebellion) में लूसिफ़र का साथ दिया था:


<blockquote>In the Great Rebellion against the L<small>ORD</small> God Almighty and the hosts of his heavenly Hierarchy, Lucifer seduced no small number of angelic bands led by his cohorts. Their names are mentioned in the [[Book of Enoch]], and in other books of the Apocrypha, and in the codified scriptures of East and West.
<blockquote>
ईश्वर और उनके समुदाय के विरुद्ध उस बड़े विद्रोह में लूसिफ़र ने देवदूतों के अनेक वर्गों को भ्रमित कर दिया था। [[Special:MyLanguage/Book of Enoch|बुक ऑफ़ इनोक]] (Book of Enoch) तथा पूर्व और पश्चिंम के कई ग्रंथों में इन सभी भ्रमित देवदूतों के नाम गुप्त रूप से दर्ज़ किया गए हैं।


More notable are the names [[Satan]], Beelzebub, [[Belial]], Baal, etc. One such name, that of the more shrewd and subtil leader of a band of fallen ones, has come to be lowercased in the lexicon of sacred scripture, and it has taken on a symbolic rather than personal connotation. It is that of Serpent.
कुछ उल्लेखनीय नाम हैं: [[Special:MyLanguage/Satan|शैतान]] (Satan), बील्ज़ेबब (Beelzebub), [[Special:MyLanguage/Belial|बेलियल]] (Belial), बाल, आदि। एक अन्य नाम जो इन सभी पथभ्रष्ट लोगों में सबसे चतुर-चालाक समूह का नेता है वह है सर्प (Serpent)। पवित्र धर्मग्रंथ के शब्दकोष में इसे छोटे अक्षरों में लिखा गया है और यह शब्द व्यक्तिगत (किसी एक व्यक्ति विशेष का) ना होकर प्रतीकात्मक है।


Whereas the term “great dragon” refers to the conglomerate of the entire Luciferian false hierarchy arrayed against the [[Great White Brotherhood]], its individual members and hierarchs specialize in certain phases of the “dragon’s” persecution of the Woman and in the war waged by the Luciferian false hierarchy against the remnant of the Woman’s seed.
"विशाल ड्रैगन" शब्द का तात्पर्य लूसिफ़र द्वारा [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] (Great White Brotherhood) के खिलाफ तैयार किए गए संपूर्ण पथभ्रष्ट पदानुक्रम (false hierarchy) के समूह से है। इसके कुछ सदस्य और प्रधान नेता स्त्रियों का उत्पीड़न करने में विशेषज्ञ हैं, और इन्होनें स्त्री वंश के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था।


Whereas Satan is known as the original Murderer using the murder of the lightbearers to thwart the divine plan of God in the earth, Serpent, who is also “called the Devil and Satan,” is the Archdeceiver, the original Liar and the father of lies whose philosophy of deception, based on fear and doubt, is his modus operandi in his warfare against the true Christs and the true prophets.
यद्यपि शैतान, जिसने पृथ्वी पर भगवान की दिव्य योजना को विफल करने के लिए प्रकाशवाहकों की हत्या की, को मूल हत्यारे के रूप में जाना जाता है सर्प, जिसे "दानव और पिशाच" भी कहा जाता है"  धूर्त, धोखेबाज़ और कपट का पिता है। ईश्वर के सच्चे अनुयायियों में भय और संदेह उत्पन्न कर उन्हें धोखा देना इसकी कार्यप्रणाली है।


Serpent is the Wicked One whose seed, along with Satan’s, is sown as tares among the good wheat of the Christic seed. It is this seed who are called the offspring of the vipers. “Viper” is from the Greek translation of the proper name “Serpent,” who, together with the fallen ones of his band, was cast out of heaven and took embodiment on earth where they have continued to reincarnate since the Great Rebellion.<ref>{{OSS}}, chapter 33.</ref></blockquote>
सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस बड़े विद्रोह के बाद वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।<ref >{{OSS}}, अध्याय ३३.</ref>
</blockquote>


The angels who followed this archdeceiver, named by Jesus “the father of lies” and “a murderer from the beginning,”<ref>John 8:44.</ref> are the fallen ones, also called Luciferians, Satanists or sons of Belial (after their various lieutenants). More than disobedient, these rebels against First Cause were blasphemous and contemptuous of the Father and his children amongst whom they embodied (see the parable of the tares among the wheat, Matt. 13), having been brought low—to the lowly estate of physical incarnation—by the L<small>ORD</small>’s hosts.
इस कट्टर धोखेबाज का नाम ईसा मसीह ने "असत्य का पिता" (the father of lies) और "जन्मजात हत्यारा" (a murderer from the beginning) <ref>जॉन ८:४४</ref> रखा था, और जिन देवदूतों ने इसका अनुसरण किया वो वे पथभ्रष्ट लोग हैं, जिन्हें लूसिफ़ेरियन (Luciferians), शैतानवादी (Satanists) और बेलियल (Belial) के पुत्र भी कहा जाता है। इन्होनें ईश्वर और उनके पुत्रों की अवज्ञा ही नहीं की, वे उन सबकी निंदा और उनसे घृणा भी करते थे।


== The final judgment of Lucifer ==
<span id="The_final_judgment_of_Lucifer"></span>
== लूसिफ़र पर अंतिम निर्णय (The final judgment of Lucifer) ==


Lucifer was bound “on earth” by [[Archangel Michael|Michael the Archangel]] on April 16, 1975 (even as he and his angels had been bound “in heaven” by the same Defender of the Faith and his angels) and taken to the [[Court of the Sacred Fire]] on [[Sirius]], where he stood trial before the [[Four and Twenty Elders]] over a period of ten days. The testimony of many souls of light in embodiment on Terra and other planets and systems were heard, together with that of the ascended masters, archangels, and Elohim.
[[Special:MyLanguage/Archangel Michael|महादेवदूत माइकल]] (Archangel Michael) ने १६ अप्रैल, १९७५  को लूसिफ़र को "पृथ्वी पर" बाँधा गया और उनके देवदूतों को "स्वर्ग में" बाँधा गया। फिर लूसिफ़र को [[Special:MyLanguage/Sirius|सीरियस]] (Sirius) ग्रह पर [[Special:MyLanguage/Court of the Sacred Fire|पवित्र अग्नि के न्यायालय]] (Court of the Sacred Fire) में ले जाया गया जहां [[Special:MyLanguage/Four and Twenty Elders|२४ ज्ञानी दिव्य गुरुओं ]] (Four and Twenty Elders) के समक्ष उन पर मुकदमा चलाया गया जो दस दिन तक चला। मुकदमें में दिव्यगुरुओं (ascended masters), महादेवदूतों  (archangels) और एलोहीम (elohim) के अतिरिक्त पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर जन्म लेने वाली कई जीवात्माओं ने गवाही दी।


On April 26, 1975, he was found guilty of total rebellion against Almighty God by the unanimous vote of the Twenty Four and sentenced to the [[second death]]. As he stood on the disc of the sacred fire before the court, the flame of Alpha and Omega rose as a spiral of intense white light, canceling out an identity and a consciousness that had influenced the fall of one third of the angels of the galaxies and countless lifewaves evolving in this and other systems of worlds.
इसके बाद २६ अप्रैल १९७५  को सर्वसम्मत वोट के आधार पर लूसिफ़र को सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध पूर्ण विद्रोह का दोषी पाया गया और [[Special:MyLanguage/second death|दूसरी मौत]] (second death) की सजा सुनाई गई। जैसे ही वह अदालत के सामने पवित्र अग्नि के मंडल पर खड़े हुए, तीव्र सफेद रोशनी के सर्पिल के रूप में अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) की लौ उठी और लूसिफ़र की चेतना का अंत हो गया - वह चेतना जो आकाशगंगाओं (galaxies) के एक तिहाई देवदूतों तथा पृथ्वी और अन्य स्थानों पर रहने वाली अनगनित जीवन तरंगों  के पतन का कारण थी।


Many who followed the Fallen One in the Great Rebellion against the Son of God have also been brought to trial. His seed, still “wroth with the Woman” and her [[Manchild]], are making war with the heirs of Sanat Kumara’s light on planet earth.<ref>See Rev. 12.</ref> Daily they are being bound by Archangel Michael and the Lord’s hosts and remanded to stand trial in the [[final judgment]] as one by one their time is up—and they are being judged: “every man according to their works,” as Jesus’ angel showed it in a vision of the last days of the Piscean age to [[John the Revelator]].
कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध बड़े विद्रोह में शामिल थे उन पर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री (Woman) और उसके [[Special:MyLanguage/Manchild|बालक]] ( her Manchild) के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के विरुद्ध युद्ध में लिप्त हैं।<ref>देखिये Rev. १२ </ref>महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर [[Special:MyLanguage/final judgment|अंतिम निर्णय]] (final judgment) लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में [[Special:MyLanguage/John the Revelator|जॉन द रेवेलेटर]] (John the Revelator) को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था।


== See also ==
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==


[[Fallen angels]]  
[[Special:MyLanguage/Fallen angels|पथभ्रष्ट देवदूत]]  


[[Satan]]
[[Special:MyLanguage/Satan|शैतान]]


== For more information ==
<span id="For_more_information"></span>
== अधिक जानकारी के लिए ==


{{FAOE}}
{{FAOE}}


See also Jesus’ parable of the tares and the wheat (Matt. 13:24–30, 36–43).
ईसा मसीह के जंगली पौधों और गेहूँ के दृष्टान्त को भी देखें (मैट १३:२४-३०, ३६-४३)


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{SGA}}.
{{SGA}}


{{MHG}}.
{{MHG}}


<references />
<references />

Latest revision as of 09:08, 14 November 2025

Other languages:
निम्नलिखित लेखों की श्रृंखला का हिस्सा
मिथ्या पदानुक्रम



   मुख्य लेख   
मिथ्या पदानुक्रम
पतित देवदूत
चेतना का शत्रु



   पतित देवदूतों के नाम   
बिल्जेबब
बेलिअल
ल्युसिफर
सैमएल
शैतान
सरपेंट
—————
पेशु एल्गा



   पतित देवदूतों के दस्ते   
नेफलिम
प्रहरी
लुसिफेरियन
सरपेंट्स
शैतान के पुजारी
शैतानी ताकतें
बेलिअल के पुत्र



   मिथ्या पदानुक्रम की शाखाएं   
इलूमिनाटी
इंडियन ब्लैक ब्रदरहुड
ब्रदरहुड ऑफ़ ब्लैक रैवेन
मिथ्या गुरु
 

लूसिफ़र शब्द लैटिन (Latin) भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ है "प्रकाश-वाहक"। उन्होंने अपने अच्छे कर्मों से महादेवदूत (archangel) का पद प्राप्त किया परन्तु फिर अत्यधिक घमंड, महत्वाकांक्षा और ईश्वर के पुत्रों (Sons of God), एलोहीम (Elohim) और शकीना [Shekinah (ईश्वर के प्रकाश)] से भी अधिक होने की इच्छा रखने के कारण पथभ्रष्ट हो स्वयं ईश्वर का ही प्रतिरोध किया। "भोर के पुत्र हे लूसिफ़र आप स्वर्ग समझ से कैसे दूर चले गए!"[1] (How art thou fallen from heaven, O Lucifer, son of the morning!)

ब्रह्मांडीय दहलीज पर रहने वाले दुष्ट (dweller-on-the-threshold) का मूलरूप

चेतना का शत्रु (Antichrist)

पथभ्रष्ट देवदूत (The fallen angels)

आईज़ेया १४:१२-१७ में लूसिफ़र द्वारा सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध युद्ध की घोषणा का विवरण है: (Isaiah 14:12–17 provides the scriptural account of Lucifer’s declaration of war against Almighty God and his Christ)

भोर के पुत्र लूसिफ़र (Lucifer, son of the morning!), आप स्वर्ग से कैसे गिर गए! आप पथभ्रष्ट कैसे हो गए! आपके पथभ्रष्ट होने के कारण कई देश कमज़ोर हो गए!

क्योंकि आपने अपने मन में कहा था कि मैं स्वर्ग में जाऊँगा, और अपना सिंहासन परमेश्वर के तारागणों से भी अधिक ऊँचे स्थान पर रखूँगा; कि मैं मंडलीय (congregation) पर्वत पर उत्तर दिशा में बैठूंगा।

मैं बादलों से भी ऊपर उठ जाऊंगा; मैं सबसे ऊँचा हो जाऊंगा।

इसके बावजूद आप नरक में लाये गए ।

जो भी लोग आपको ध्यान से देखेंगे वे सोचेंगे कि क्या यह वही हैं जिस के कारण पृय्वी का प्रत्येक देश कांप गया था।

वह जिसने विश्व के आबादी वाले शहरों को एक वीरान जंगल में बदल दिया था; वह जो अपने कैदियों के घर खोल नहीं सका?

इसके बाद सनत कुमार (Sanat Kumara) उन देवदूतों की बात करते हैं जिन्होंने बहुत बड़े विद्रोह (Great Rebellion) में लूसिफ़र का साथ दिया था:

ईश्वर और उनके समुदाय के विरुद्ध उस बड़े विद्रोह में लूसिफ़र ने देवदूतों के अनेक वर्गों को भ्रमित कर दिया था। बुक ऑफ़ इनोक (Book of Enoch) तथा पूर्व और पश्चिंम के कई ग्रंथों में इन सभी भ्रमित देवदूतों के नाम गुप्त रूप से दर्ज़ किया गए हैं।

कुछ उल्लेखनीय नाम हैं: शैतान (Satan), बील्ज़ेबब (Beelzebub), बेलियल (Belial), बाल, आदि। एक अन्य नाम जो इन सभी पथभ्रष्ट लोगों में सबसे चतुर-चालाक समूह का नेता है वह है सर्प (Serpent)। पवित्र धर्मग्रंथ के शब्दकोष में इसे छोटे अक्षरों में लिखा गया है और यह शब्द व्यक्तिगत (किसी एक व्यक्ति विशेष का) ना होकर प्रतीकात्मक है।

"विशाल ड्रैगन" शब्द का तात्पर्य लूसिफ़र द्वारा श्वेत महासंघ (Great White Brotherhood) के खिलाफ तैयार किए गए संपूर्ण पथभ्रष्ट पदानुक्रम (false hierarchy) के समूह से है। इसके कुछ सदस्य और प्रधान नेता स्त्रियों का उत्पीड़न करने में विशेषज्ञ हैं, और इन्होनें स्त्री वंश के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था।

यद्यपि शैतान, जिसने पृथ्वी पर भगवान की दिव्य योजना को विफल करने के लिए प्रकाशवाहकों की हत्या की, को मूल हत्यारे के रूप में जाना जाता है सर्प, जिसे "दानव और पिशाच" भी कहा जाता है" धूर्त, धोखेबाज़ और कपट का पिता है। ईश्वर के सच्चे अनुयायियों में भय और संदेह उत्पन्न कर उन्हें धोखा देना इसकी कार्यप्रणाली है।

सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस बड़े विद्रोह के बाद वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।[2]

इस कट्टर धोखेबाज का नाम ईसा मसीह ने "असत्य का पिता" (the father of lies) और "जन्मजात हत्यारा" (a murderer from the beginning) [3] रखा था, और जिन देवदूतों ने इसका अनुसरण किया वो वे पथभ्रष्ट लोग हैं, जिन्हें लूसिफ़ेरियन (Luciferians), शैतानवादी (Satanists) और बेलियल (Belial) के पुत्र भी कहा जाता है। इन्होनें ईश्वर और उनके पुत्रों की अवज्ञा ही नहीं की, वे उन सबकी निंदा और उनसे घृणा भी करते थे।

लूसिफ़र पर अंतिम निर्णय (The final judgment of Lucifer)

महादेवदूत माइकल (Archangel Michael) ने १६ अप्रैल, १९७५ को लूसिफ़र को "पृथ्वी पर" बाँधा गया और उनके देवदूतों को "स्वर्ग में" बाँधा गया। फिर लूसिफ़र को सीरियस (Sirius) ग्रह पर पवित्र अग्नि के न्यायालय (Court of the Sacred Fire) में ले जाया गया जहां २४ ज्ञानी दिव्य गुरुओं (Four and Twenty Elders) के समक्ष उन पर मुकदमा चलाया गया जो दस दिन तक चला। मुकदमें में दिव्यगुरुओं (ascended masters), महादेवदूतों (archangels) और एलोहीम (elohim) के अतिरिक्त पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर जन्म लेने वाली कई जीवात्माओं ने गवाही दी।

इसके बाद २६ अप्रैल १९७५ को सर्वसम्मत वोट के आधार पर लूसिफ़र को सर्वशक्तिमान ईश्वर के विरुद्ध पूर्ण विद्रोह का दोषी पाया गया और दूसरी मौत (second death) की सजा सुनाई गई। जैसे ही वह अदालत के सामने पवित्र अग्नि के मंडल पर खड़े हुए, तीव्र सफेद रोशनी के सर्पिल के रूप में अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) की लौ उठी और लूसिफ़र की चेतना का अंत हो गया - वह चेतना जो आकाशगंगाओं (galaxies) के एक तिहाई देवदूतों तथा पृथ्वी और अन्य स्थानों पर रहने वाली अनगनित जीवन तरंगों के पतन का कारण थी।

कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध बड़े विद्रोह में शामिल थे उन पर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री (Woman) और उसके बालक ( her Manchild) के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के विरुद्ध युद्ध में लिप्त हैं।[4]महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर अंतिम निर्णय (final judgment) लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में जॉन द रेवेलेटर (John the Revelator) को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था।

इसे भी देखिये

पथभ्रष्ट देवदूत

शैतान

अधिक जानकारी के लिए

Elizabeth Clare Prophet, Fallen Angels and the Origins of Evil

ईसा मसीह के जंगली पौधों और गेहूँ के दृष्टान्त को भी देखें (मैट १३:२४-३०, ३६-४३)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation

Archangel Gabriel, Mysteries of the Holy Grail

  1. आईज़ेया १४:12.
  2. Elizabeth Clare Prophet, The Opening of the Seventh Seal: Sanat Kumara on the Path of the Ruby Ray, अध्याय ३३.
  3. जॉन ८:४४
  4. देखिये Rev. १२