Bodies of man/hi: Difference between revisions
(Created page with "चार निचले शरीर") |
No edit summary |
||
(12 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<languages /> | <languages /> | ||
'''[[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीर]]''' [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] को घेरे हुए चार खोल हैं। प्रत्येक शरीर की अपनी एक विशिष्ट आवृत्ति है। ये चार निचले शरीर हैं: भौतिक, भावनात्मक, मानसिक और | '''[[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीर]]''' (four lower bodies) [[Special:MyLanguage/soul|जीवात्मा]] को घेरे हुए चार खोल या कोश हैं। प्रत्येक शरीर की अपनी एक विशिष्ट आवृत्ति है। ये चार निचले शरीर हैं: भौतिक, भावनात्मक, मानसिक और अध्यात्मिक शरीर। प्रत्येक शरीर जीवात्मा का वाहन होता है जो उसे समय और स्थान के बीच यात्रा करने में मदद करता है। अध्यात्मिक शरीर सबसे अधिक आवृति पर स्पंदित होता है और ये ही वह दरवाज़ा है जो '''तीनो ऊपरी शरीरों''' - [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मिक चेतना]], [[Special:MyLanguage/I AM Presence|अहम् ब्रह्मास्मि]], और [[Special:MyLanguage/causal body|कारण शरीर]] - का रास्ता है। | ||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> | ||
== इसे भी देखिये == | == इसे भी देखिये == | ||
[[Special:MyLanguage/ | [[Special:MyLanguage/Four lower bodies|चार निचले शरीर]] | ||
[[Chart of Your Divine Self]] | [[Special:MyLanguage/Chart of Your Divine Self|आपके दिव्य रूप का नक्शा]] | ||
[[Etheric body]] | [[Special:MyLanguage/Etheric body|आकाशीय शरीर]] | ||
[[Mental body]] | [[Special:MyLanguage/Mental body|मानसिक शरीर]] | ||
[[Emotional body]] | [[Special:MyLanguage/Emotional body|भावनात्मक शरीर]] | ||
[[Physical body]] | [[Special:MyLanguage/Physical body|भौतिक शरीर]] | ||
== | <span id="Sources"></span> | ||
== स्रोत == | |||
{{SGA}}. | {{SGA}}. |
Latest revision as of 10:33, 11 November 2024
चार निचले शरीर (four lower bodies) जीवात्मा को घेरे हुए चार खोल या कोश हैं। प्रत्येक शरीर की अपनी एक विशिष्ट आवृत्ति है। ये चार निचले शरीर हैं: भौतिक, भावनात्मक, मानसिक और अध्यात्मिक शरीर। प्रत्येक शरीर जीवात्मा का वाहन होता है जो उसे समय और स्थान के बीच यात्रा करने में मदद करता है। अध्यात्मिक शरीर सबसे अधिक आवृति पर स्पंदित होता है और ये ही वह दरवाज़ा है जो तीनो ऊपरी शरीरों - आत्मिक चेतना, अहम् ब्रह्मास्मि, और कारण शरीर - का रास्ता है।
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.